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सीएम के निर्देशः गंगरेल डैम से नहरों में छोड़ा गया पानी, लहलहाएगी पानी की कमी से बर्बाद हो रही फसलें

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निर्देश के बाद गंगरेल डेम से सिंचाई के पानी छोड़ दिया गया है. किसानों और जन प्रतिनिधियों की मांग के बाद सीएम बघेल ने तत्काल पानी छोड़ने के निर्देश विभाग को दिए थे। गंगरेल डेम से पानी छोड़े जाने से किसानों को सिंचाई में सबसे ज्यादा फायदा होगा। उन्होंने कृषि और जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे की अनुशंसा और विधायक अभनपुर और धरसीवा समेत किसान संगठनों की मांग को देखते हुए सिंचाई के लिए तुरंत पानी छोड़ने के निर्देश दिए थे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश को देखते हुए जल संसाधन विभाग ने अब गंगरेल डेम से सिंचाई के लिए पानी छोड़ दिया है। प्रमुख इंजीनियर इंद्रजीत उईके ने बताया कि गंगरेल में पर्याप्त जलभराव है। गंगरेल बांध की नहर से रायपुर, आरंग, धरसींवा , बलोदा बाजार -भाटापारा ,लवन,पलारी और धमतरी क्षेत्र के किसानों को खरीफ फसलों की सिंचाई के लिए पानी मिलेगा।

गंगरेल डैम से नहरों में छोड़ा पानी

जानकारी के मुताबिक धमतरी के रविशंकर जलाशय और गंगरेल डैम से नहरों के लिए पानी छोड़ दिया गया है। इससे कई इलाकों के किसानों को सिंचाई में बड़ी राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। दरअसल इन इलाकों में किसान कम बारिश होने की वजह से परेशानी से जूझ रहे हैं। यही वजह है कि किसानों ने सीएम बघेल से डैम से सिंचाई के लिए पानी छोड़े जाने की मांग की थी।

बारिश कम होने से खरीब की फसल को नुकसान

जानकारी के मुताबिक धरसींवा विधायक अनीता शर्मा और अभनपुर विधायक धनेंद्र साहू ने सीएम बघेल से मिलकर नहरों में पानी छोड़े जाने की मांग की थी। उन्होंने सीएम से कहा था कि उनके क्षेत्रों में बारिश कम होने की वजह से खरीब की फसल को नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा था कि अगर जल्द से जल्द पानी नहीं मिला तो किसानों की फसलें खराब हो जाएंगी।

‘गंगरेल डैम में पानी की कमी नहीं’

कृषि और जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने नहरों में पानी छोड़ने की अनुशंसा की थी। वहीं प्रमुख इंजीनियर इंद्रजीत का कहना है कि गंगरेल डैम में काफी जल भराव है, इसीलिए सिंचाई के लिए पानी नहरों में छोड़ने में कोई दिक्कत नहीं होगी। सीएम बघेल के निर्देश के बाद अधिकारियों ने आज शाम को बांध का गेट नहरों के लिए खोल दिया। जानकारी के मुताबिक एक-दो दिन में ही इन क्षेत्रों के किसानों को सिंचाई के लिए र्याप्त पानी मिलने लगेगा।

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