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सदन में गूंजा प्रदेश में माफियाराज का मुद्दा- कौशिक ने कहा तहसीलदार ने बेच दी सरकारी जमीन, अग्रवाल ने कहा एक हजार रोहिंग्या बस गए

रायपुर। सोमवार को विधानसभा सत्र का पांचवा दिन हंगामीदार रहा। विपक्ष ने कहा पूरे प्रदेश में माफिया राज चल रहा है। यहां तक अधिकारी भी उनका साथ दे रहे हैं। शासन की घोषणा का माफिया गलत तरीके से लाभ उठाने में लगे हुए हैं। शासकीय ज़मीनों पर बाहर से आए लोग कब्जा कर माहौल खराब कर रहे हैं।

सदन में शासकीय जमीनों पर अतिक्रमण करने का मामला ध्यानाकर्षण सूचना के ज़रिए उठाया गया। बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि शासकीय ज़मीनों पर अतिक्रमण की परंपरा बढ़ गई है। ऐसे में भविष्य में किसी योजना के लिए शासकीय ज़मीन की आवश्यकता पड़ने पर ज़मीन नहीं मिलेगी।

20 साल पहले से जिनका कब्जा उन्हें ही प्रचलित गाइडलाइन का लाभ
प्रदेश के सभी ज़िलों में भू माफिया शासकीय ज़मीनों पर क़ब्ज़ा कर रहे हैं। इस सवाल पर राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि प्रचलित गाइडलाइन पर क़ीमती सरकारी ज़मीन पर अतिक्रमण नहीं बढ़ रहा है, जिनका क़ब्ज़ा 20 साल से अधिक है उन्हें ही प्रचलित गाइडलाइन के तहत लाभ मिल रहा है। पूरे प्रदेश में शासकीय ज़मीनों पर अतिक्रमण के 18 हज़ार 30 प्रकरण दर्ज किए गए हैं।

अतिक्रमण पर प्रकरण दर्ज नहीं, सीधे तोड़ें
उसके बाद मामले में बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मंत्री ने सिर्फ़ 2021-22 का ही जवाब दिया है। सरकार के कार्यकाल में अतिक्रमण के कुल कितने मामले सामने आए हैं। अतिक्रमण पर प्रकरण दर्ज करने की ज़रूरत ही नहीं है। सीधे तोड़ना चाहिए।

स्कूल के लिए जमीन आरक्षित थी, पर माफिया कब्जे की तैयारी में
प्रदेश में अतिक्रमण की स्थिति बताते हुए अग्रवाल ने उदाहरण पेश किया कहा मेरे विधानसभा में स्कूल के लिए 25 एकड़ ज़मीन आरक्षित थी। मैं कलेक्टर को बार-बार पत्र लिख रहा हूं, लेकिन भू माफिया उस पर अतिक्रमण की तैयारी कर रहे हैं। शासकीय ज़मीनों पर ऐसे ही क़ब्ज़ा होता रहा तो आने वाले दिनों में ज़मीन नहीं मिलेगी। मेरे पास नक़्शा है, कहां कितना अतिक्रमण हुआ है। 100-100 फ़ीट के गड्डों में मिट्टी भरकर क़ब्ज़ा हो गया है। 152 फ़ीसदी पैसा पटाकर कोई भी ज़मीन ले सकता है।

एक हज़ार रोहिंग्या छत्तीसगढ़ में बस गए
सदन में बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि एक हज़ार रोहिंग्या अवैध रूप से छत्तीसगढ़ में बस गए हैं। इसे सिर्फ़ वोट से जुड़ा मसला मत समझिए। छत्तीसगढ़ बनने के दिन से अब तक हुए क़ब्ज़ों को सरकार हटा दे। हम समर्थन देंगे। 152 फ़ीसदी पैसा पटाने के नियम आने के बाद लोग पटवारी, तहसीलदार, आरई से सेटिंग कर अतिक्रमण कर रहे हैं।

..तब तहसीलदार को सस्पेंड किया
वहीं नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि मेरे विधानसभा में तहसीलदार ने शासकीय ज़मीन भू माफिया को बेच दिया है। मंत्री के संज्ञान में लाने के बाद तहसीलदार को सस्पेंड किया गया।

एक ही आदमी के लगे हैं 27 आवेदन
जेसीसी विधायक धरमजीत सिंह ने कहा कि मेरी जानकारी में बिलासपुर में एक ही आदमी के 27 आवेदन लगे हैं। पत्नी के नाम, भाई के नाम, रिश्तेदारों के नाम। बरबसपुर में अतिक्रमण की शिकायत पर मंत्री खुद जायज़ा लेने आए थे। राजस्व मंत्री खुद जब बेजा क़ब्ज़ा को नहीं हटा पा रहे हैं तो अधिकारी कैसे हटाएंगे।

पटवारी और आरई के ख़िलाफ़ होगी कार्रवाई
इस मामले पर राजस्व मंत्री ने कहा कि गांव वालों ने मुझसे शिकायत की थी। ग्रामीणों की शिकायत के बाद मैं स्पॉट पर भी गया था। मंत्री ने कहा बरबसपुर में हुए अतिक्रमण मामले में पटवारी और आरई के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी।

कलेक्टर सरकारी ज़मीनों का रखवाला, उस पर हो कार्रवाई
बीजेपी विधायक सौरभ सिंह ने कहा कि सरकारी ज़मीनों का रखवाला कलेक्टर होता है। मंत्री ने पटवारी और आरई के ख़िलाफ़ कार्रवाई का ज़िक्र किया, लेकिन कहीं भी एसडीएम, तहसीलदार, कलेक्टर के नाम का ज़िक्र नहीं किया। कलेक्टर सरकारी ज़मीनों का रखवाला होता है। जीएडी के नियमों को देख लिया जाए और कलेक्टर पर कार्रवाई की जाए।

इस सरकार ने आश्वासन पर नहीं की कार्रवाई
अतिक्रमण मामले पर बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि इस सरकार के आने के बाद से अब तक सदन में दिए गए जितने भी आश्वासन हैं एक बार उसे देख लिया जाए। एक भी आश्वासन पर कार्रवाई नहीं हुई। राजस्व मंत्री ने कहा कि नई व्यवस्था के तहत बहुत कम ज़मीन का आबंटन किया गया है।

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