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दफ्तर बंद कर धरने पर हैं सरकारी कर्मचारी, आम लोगों की बढ़ी परेशानियां

रायपुर। केन्द्रीय कर्मचारियों की तरह ही महंगाई भत्ता व भाड़ा भत्ता की मांग को लेकर सोमवार से सरकारी कर्मचारी हड़ताल पर हैं। दफ्तर पूरी तरह से बंद है। आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी कार्यालयों में पांच दिनों के लिए तालाबंदी कर दी गई है।

25 से 29 जुलाई तक चलने वाले इस हड़ताल के दौरान निगम क्षेत्र का सफाई व डोर टू डोर कचरा कलेक्शन व अस्पतालों में आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी। इसके अलावा सरकारी दफ्तरों में किसी प्रकार काम नहीं होगा। ऐसे में आम लोगों की परेशानियां बढ़ती जाएंगी।

हड़ताल का असर पहले दिन से ही देखा गया। कर्मचारियों की हड़ताल अलग-अलग कार्यालयों में अलग-अलग प्रभाव डालेगा। दुर्ग कलेक्ट्रेट में हड़ताल के कारण पूरे कलेक्ट्रेट परिसर सूना रहा। दफ्तरों की कुर्सियां खाली रहीं। यहां के अफसर व कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। कलमबंद हड़ताल की घोषणा के साथ ही कर्मचारियों की मांग है कि केन्द्रीय कर्मचारियों की तरह की राज्य सरकार के कर्मचारियों का भी महंगाई भत्ता व भाड़ा भत्ता बढ़ना चाहिए।

निगम के कार्यालय भी सूने
हड़ताल के कारण निगमों का दफ्तर भी सूना था। निगम के तमाम विभागों के कर्मचारी निगम के बाहर प्रदर्शन पर बैठे रहे। कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के सदस्यों के साथ ही सभी कर्मचारी निगम के बाहर प्रदर्शन करने लगे। प्रदेश के कर्मचारी नेताओं का कहना है कि राज्य के सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के तहत ना तो महंगाई भत्ता मिल रहा है और ना ही भाड़ा भत्ता।

हर महीने हो रहा नुकसान
उनका कहना है ऐसे में हर महीने 4000 से 14000 का नुकसान हर कर्मचारी को हो रहा है। कर्मचारियों को कहना है कि लंबे समय से इसे लागू किए जाने की मांग की जा रही थी प्रशासन के उदासीन रवैये की वजह से अब कर्मचारी हड़ताल के लिए विवश हुए हैं।

ट्रेनी नर्सों ने संभाला मोर्चा
बता दें कि हड़ताल की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी अस्पतालों में मरीजों को हो रही है। अस्पताल में भी हड़ताल का असर देखा गया। यहां ट्रेनी नर्सों से काम चलाया जा रहा है। अस्पताल के प्रभारी चिकित्सक डॉ. पियम सिंह का कहना है महंगाई भत्ते व अन्य भतों की मांग को लेकर कर्मचारी संगठनों की हड़ताल है। आपातकालीन सेवाएं जारी है। विशेष कर गर्भवती महिलाओं को देखा जा रहा है। गंभीर परिस्थितियों में मरीजों का जिला अस्पताल रेफर किया जा रहा है।

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