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Monkeypox: भारत सरकार की जारी गाइडलाइंस, मंकीपॉक्स के संक्रमण को रोकने ये हैं नियम

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस की दहशत बरकरार है। अभी भी ये बढ़ते क्रम पर है। इसी बीच नई परेशानी घर करने लगी है। वह परेशानी है मंकीपॉक्स की। हालांकि भारत में इसके प्रसार का क्रम धीमा है, पर इसको लेकर लापरवाही या अनदेखी आगे भारी पड़ सकती है। इसी के तहत भारत सरकार ने स्वास्थ्य विभाग से मंत्रणा के बाद गाइड लाइन जारी की है।

बता दें कि दुनिया के 75 देशों में मंकीपॉक्स के लगभग 16 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। भारत में भी मंकीपाॅक्स ने दस्तक दे दी है। केरल में पहला मामला सामने आने के बाद हाल ही में दिल्ली के शख्स में मंकीपॉक्स के लक्षण पाए गए हैं।

मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन पहले ही चेतावनी दे चुका है। मंकीपॉक्स को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करते हुए डब्ल्यूएचओ ने सभी देशों को गंभीर होने का आह्वान किया है।

वहीं भारत सरकार ने भी मंकीपॉक्स को लेकर गाइडलाइन जारी की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंकीपॉक्स के प्रबंधन के लिए गाइडलाइन जारी करते हुए राज्यों को दिशा निर्देश दिए हैं। इसके तहत बाहर से आने वाले लोगों, मंकीपॉक्स से संक्रमित लोगों और इस संक्रमण से बचने के लिए जरूरी निर्देश जारी किए गए।

मंकीपाॅक्स के लिए केंद्र सरकार के दिशा निर्देश
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, मंकीपॉक्स लक्षण पाए जाने पर संक्रमित की निगरानी की जाएगी।
रोगी के दूषित सामग्री, इंफेक्शन के संपर्क में आने के बाद से 21 दिनों की अवधि तक निगरानी की जानी चाहिए।
राज्यों को नए मामलों की तेजी से पहचान करने और तत्काल इसके रोकथाम के लिए उपाय करने के निर्देश दिए गए।
मंकीपाॅक्स की रोकथाम के लिए प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों के तौर पर मानव-से-मानव संचरण के जोखिम को कम करने की जरूरत को अनिवार्य बताया।

विदेश से आने वाले यात्रियों की निगरानी
दूसरे देशों से मंकीपॉक्स के मामले बढ़ने पर भारत को इस प्रकोप के लिए तैयार रखने की जरूरत है।
अगर किसी रोगी में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसके आधार पर तुरंत इलाज शुरू किया जाए।
मंकीपॉक्स संक्रमितों के संपर्क में आने वाले लोगों की भी निगरानी की जाए और लक्षणों व परीक्षण के आधार पर इलाज किया जाए।

मंकीपाॅक्स संक्रमितों की पहचान
अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की निगरानी के साथ ही मंकीपॉक्स के लक्षण नजर आने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें।
विशिष्ट देशों से लौटे यात्रियों की निगरानी की जाए, भले ही उनकी बीमारी का परीक्षण न हो।
अगर संक्रमित के संपर्क में आने वाले किसी शख्स में मंकीपॉक्स होने का खतरा हो, तो उसकी भी जानकारी दी जाए।

राज्यों की मंकीपाॅक्स से बचाव के लिए तैयारी
उत्तर प्रदेश सरकार ने मंकीपॉक्स से निपटने के लिए कोविड अस्पतालों में न्यूनतम 10 बेड केवल मंकीपॉक्स से प्रभावित मरीजों के लिए आरक्षित रखने के निर्देश दिए हैं।

बिहार सरकार ने अपनी गाइडलाइन में निर्देशित किया कि मंकीपॉक्स संक्रमितों के संपर्क में आने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को हफ्तेभर से अधिक छुट्टी लेने की जरूरत नहीं है।

केंद्र सरकार के निर्देश पर सभी राज्य सरकारें मंकीपॉक्स के लिए नोडल अस्पताल या अस्पताल में डेडिकेटेड सेंटर बनाने की तैयारी कर रहे हैं।

 

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