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WBSSC Scam: अर्पिता के फ्लैटों से धनवर्षा, ईडी के छापे में मिले 20 संदूकों में नोट, ट्रकों में ले जाना पड़ा

कोलकाता। एसएससी शिक्षक भर्ती घोटाले में भारी भ्रष्टाचार के सबूत मिल रहे हैं। मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के जिस घर मे ईडी छापामार रही है वहीं से धन की वर्षा हो रही है। यहां तक बाथरूम में भी खजाना छुपाकर रखा गया था। इतने नोट मिले कि 20 संदूकों में रखाकर ट्रकों से ले जाया गया।

बता दें कि चटर्जी के साथ ही अर्पिता भी ईडी की हिरासत में हैं। उसके निवास से पहले 21 करोड़ रुपये मिले। बुधवार को मारे गए छापे में 30 करोड़ से ज्यादा मिले। अब तक कुल 53 करोड़ से ज्यादा मिल चुके हैं।

पश्चिम बंगाल की ममता सरकार में हुए बहुचर्चित एसएससी शिक्षक भर्ती घोटाले में भारी भ्रष्टाचार के सबूत मिल रहे हैं। मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के एक अन्य फ्लैट पर छापा मारकर 30 करोड़ से ज्यादा बरामद किए हैं। यहां मिली नकद राशि को ईडी की टीम को 20 संदूकों में भरकर ट्रक में ले जाना पड़ा। सूत्रों के अनुसार अर्पिता के ठिकानों से अब तक कुल 53.22 करोड़ रुपये नकद मिले हैं।

यही नहीं, ईडी को अर्पिता का एक और फ्लैट आठघढ़ा के चिनार पार्क के अभिजीत आवास में मिला है। ईडी के अधिकारी और केंद्रीय बल मौके पर पहुंच गए हैं। फ्लैट नंबर बी-404 है। अभी तक फ्लैट की चाबी नहीं मिली है।

इससे पहले ईडी ने अर्पिता के उत्तरी 24 परगना जिले के बेलघरिया में स्थित फ्लैट पर बुधवार को छापा मारा था। यहां इतनी नकदी मिली है कि मशीनें लगाने के बाद भी नोटों की गिनती का काम अभी तक जारी है।

नगद के साथ मिला 3 करोड़ का सोना
सूत्रों के अनुसार अर्पिता के ठिकाने से करीब 3 करोड़ का सोना भी बरामद हुआ है। भारी मात्रा में मिली नकदी को 20 संदूकों में भरा गया। ईडी की टीम को इसे ले जाने के लिए ट्रक बुलवाना पड़ा।

अर्पिता की मां बोली- मैं हैरान हूं
अर्पिता के कारनामों से उसकी मां मिनती मुखर्जी हैरान हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं हैरान हूं। मुझे इस सबके बारे में कुछ भी मालूम नहीं है।’ ईडी सूत्रों के मुताबिक अर्पिता के फ्लैट से अब तक 30 करोड़ से ज्यादा नकदी मिले हैं। नोट गिनने के लिए अलग तरह की मशीन लाई गई है।

चटर्जी के निजी सचिव सुकांत भी तलब
इस बीच, ईडी ने मंत्री पार्थ चटर्जी के निजी सचिव सुकांत आचार्य को भी पूछताछ के लिए तलब किया है। आचार्य को आज सुबह 11 बजे बुलाया गया है। उनसे इस महाघोटाले को लेकर पूछताछ की जाएगी।

अर्पिता का घर निकला मिनी बैंक
ईडी ने अब तक अर्पिता के दो फ्लैट पर छापे मारे हैं। यहां से भारी मात्रा में नकदी के अलावा सोना, डॉलर व दस्तावेज जब्त किए हैं। अर्पिता बंगाली व उडिया फिल्म में काम करती थी। पार्थ चटर्जी ने उसके घर को एक तरह से मिनी बैंक बना रखा था।

अर्पिता के दो फ्लैट से ये खजाना मिला
53 करोड़ से ज्यादा की नकदी
3 करोड़ से ज्यादा का सोना
50 लाख रुपये मूल्य के डॉलर
20 मोबाइल फोन

100 करोड़ के घोटाले की आशंका
ईडी को आशंका है कि शिक्षक भर्ती घोटाला 100 करोड़ से ज्यादा का हो सकता है। बुधवार सुबह ईडी की टीम ने अर्पिता के चार ठिकानों पर छापामारी शुरू की थी। अधिकारी जब अर्पिता के बेलघरिया फ्लैट का ताला तोड़कर अंदर घुसे तो वहां नोटों के बंडल मिले। जिनकी गिनती करने के लिए पांच मशीनें मंगाई गईं। ईडी के उच्चाधिकारी भी तुरंत मौके पर पहुंचे। इससे पहले अर्पिता के टॉलीगंज स्थित फ्लैट से 21 करोड़ रुपए मिले थे। अर्पिता के ठिकानों से अब तक कुल 53.22 करोड़ रुपये नकद मिले हैं।

पार्थ चटर्जी, अर्पिता और माणिक से मैराथन पूछताछ
ईडी के अधिकारियों ने बुधवार को पार्थ चटर्जी, उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी व तृणमूल कांग्रेस विधायक माणिक भट्टाचार्य से कोलकाता स्थित सीजीओ कॉम्प्लेक्स में मैराथन पूछताछ की। सुबह से शाम तक उनसे पूछताछ की गई। सूत्रों के मुताबिक तीन अलग-अलग टीमों ने इन लोगों से अलग-अलग पूछताछ की। अनुमान था कि पार्थ और माणिक को ईडी आमने-सामने बिठाकर पूछताछ होगी, लेकिन ऐसा संभव नहीं हुआ। ईडी ने माणिक भट्टाचार्य को सुबह 12 बजे पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन वे सुबह 9:44 बजे ही पहुंच गए थे। ईडी को माणिक के कार्यालय से एक सीडी मिली है जिसमें महत्वपूर्ण जानकारियां हैं।

ईडी को ‘अदृश्य हाथों’ की तलाश
पश्चिम बंगाल शिक्षक घोटाला मामले में ईडी को अब ‘अदृश्य हाथों’ की तलाश है। इन लोगों तक घोटाले की रकम पहुंची है। ईडी सूत्रों के अनुसार दोनों से पूछताछ और अर्पिता के घर से मिली तीन डायरियों से पता चलता है कि घोटाले के पैसे कुछ ऐसे लोगों तक पहुंचे हैं, जिनके बारे में अभी सटीक कुछ कहा नहीं जा सकता।

डायरियों में सांकेतिक भाषा का उपयोग
इन डायरियों में कई जगह सांकेतिक भाषा में बहुत कुछ लिखा गया है। ईडी पूछताछ में इन सांकेतिक भाषाओं को समझने का प्रयास कर रही है। माना जा रहा है कि इन सांकेतिक भाषा में उन अदृश्य हाथों का भी जिक्र है, जिन तक घोटाले का पैसा पहुंचा है।

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