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नाग पंचमी पर किसी जीवित सांप की नहीं, नाग देवता की प्रतिमा की पूजा करें

(प्रवीर गांगुली) रायपुर। सावन मास में नाग पंचमी के धार्मिक पर्व का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान शंकर के साथ नाग देवता की पूजा का विधान है। शास्त्रों के अनुसार, नाग पंचमी के दिन किसी जीवित सांप की नहीं बल्कि नाग देवता की प्रतिमा का पूजन करना चाहिए।

मान्यता है कि इस दिन भगवान शंकर की विधिवत पूजा व रुद्राभिषेक करने वाले भक्त को सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। जीवन में खुशहाली व सुख-समृद्धि का आगमन होता है। इस साल नाग पंचमी का त्योहार 2 अगस्त 2022, मंगलवार को मनाया जा रहा है। जानिए नाग पंचमी के दिन क्यों की जाती है नागों की पूजा और इसका महत्व-

नाग पंचमी को तीसरा मंगला गौरी व्रत-
इस साल नाग पंचमी पर विशेष संयोग बन रहा है। नाग पंचमी के दिन तीसरा मंगला गौरी व्रत रखा जाएगा। सावन मास में सोमवार व्रत के साथ ही मंगलवार व्रत का भी विशेष महत्व होता है। मंगलवार व्रत माता पार्वती को समर्पित माना गया है। सावन के हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखने का विधान है।

नाग पंचमी 2022 शुभ मुहूर्त-
पंचमी तिथि प्रारम्भ – अगस्त 02, 2022 को 05:13 ए एम बजे
पंचमी तिथि समाप्त – अगस्त 03, 2022 को 05:41 ए एम बजे
नाग पंचमी पूजा मूहूर्त – 05:43 एएम से 08:25 एएम
अवधि – 02 घण्टे 42 मिनट्स

शिव योग व सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग
नाग पंचमी पर शिव योग व सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। शिव योग शाम 06 बजकर 38 मिनट तक रहेगा और उसके बाद सिद्धि योग शुरू होगा। शास्त्रों के अनुसार, इन योग में किए गए कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।

नागपंचमी के दिन क्यों की जाती है नागों की पूजा? जानें डेट व शुभ मुहूर्त
इन मुहूर्त में न करें पूजन-
राहुकाल- 03:49 पी एम से 05:30 पी
यमगण्ड- 09:05 ए एम से 10:46 ए एम
गुलिक काल- 12:27 पी एम से 02:08 पी एम
विडाल योग- 05:29 पी एम से 05:43 ए एम, अगस्त 03
वर्ज्य- 02:12 ए एम, अगस्त 03 से 03:52 ए एम, अगस्त 03

नाग पंचमी का महत्व-
नाग पंचमी के दिन अनंत, वासुकि, शेष, पद्म, कंबल, अश्वतर, शंखपाल, धृतराष्ट्र, तक्षक, कालिया और पिंगल इन 12 देव नागों का स्मरण करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से भय तत्काल खत्म होता है। ‘ऊं कुरुकुल्ये हुं फट् स्वाहा’ मंत्र का जाप लाभदायक माना जाता है। कहते हैं कि नाम स्मरण करने से धन लाभ होता है। साल के बारह महीनों, इनमें से एक-एक नाग की पूजा करनी चाहिए। अगर राहु और केतु आपकी कुंडली में अपनी नीच राशियों- वृश्चिक, वृष, धनु और मिथुन में हैं तो आपको अवश्य ही नाग पंचमी की पूजा करनी चाहिए। कहा जाता है कि दत्तात्रेय जी के 24 गुरु थे, जिनमें एक नाग देवता भी थे।

क्यों करते हैं नाग पंचमी पूजा-
नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा करना शुभ फलदायी माना गया है। ज्योतिषविर्दों के अनुसार, कुंडली में कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा की जाती है। इसके साथ ही इस दिन दान-दक्षिणा करना भी लाभकारी माना गया है।

नाग पंचमी और श्रीकृष्ण का संबंध-
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण जब अपने दोस्तों के साथ खेल रहे थे तब उन्हें मारने के लिए कंस ने कालिया नामक नाग को भेजा। उसने पहले गांव वालों को परेशान किया। लोग सहम गए। एक दिन जब भगवान कृष्ण खेल रहे थे तो उनकी गेंद नदी में गिर गई। जब वे उसे लाने के लिए नदी में उतरे तो कालिया ने उन पर आक्रमण कर दिया। देखते ही देखते कालिया की जान पर बन आई। भगवान श्रीकृष्ण से कालिया ने माफी मांगते हुए गांव वालों को कभी हानि नहीं पहुंचाने का वचन दिया। कालिया नाग पर बालकृष्ण की विजय को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है।

इस बार सावन में चार सोमवार
शिवभक्तों के लिए सावन महीना बेहद शुभ माना गया है। सावन 14 जुलाई से शुरू है, जो कि 12 अगस्त तक रहेगा। इस साल सावन में चार सोमवार पड़ेंगे। सावन में सोमवार व्रत करने व शिव पूजन का विशेष महत्व है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, सावन महीने में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने के अलावा कुछ शुभ चीजों की खरीदारी करना बेहद उत्तम माना गया है। मान्यता है कि भगवान शिव को समर्पित इन चीजों को घर लाने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। आप भी जान लें सावन महीने में किन चीजों की खरीदारी करना होता है शुभ-

सावन में इन चीजों को खरीदना माना गया है शुभ-
1. रुद्राक्ष, 2. त्रिशूल, 3. डमरू, 4. जलपात्र, 5. चांदी के नंदी, 6. चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा, 7. चांदी की डिब्बी में भस्म, 8. चांदी का कड़ा, 9. चांदी का चंद्रमा, 10.चांदी के बिल्व पत्र

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