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मब्स के झंडे से हर घर लहराएगा तिरंगा, आजादी के अमृत महोत्सव के लिए तैयार करेंगे 10,000 राष्ट्रध्वज

परसा। केंद्र और राज्य सरकार आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में “हर घर तिरंगा” अभियान के तहत, भारत के हरेक नागरिक को घरों में तिरंगा झंडा फहराने की पहल की गई है। इसकी तैयारी के लिए अदाणी इंटरप्राइजेज लिमिटेड ने परसा स्थित महिला उद्यमी बहुउद्देशीय सहकारी समिति (मब्स) की महिलाओं को तिरंगा तैयार करने का एक बड़ा ठेका प्रदान किया है।

“हर घर तिरंगा” आज़ादी का अमृत महोत्सव का उद्देश्य, आजादी की 75वीं वर्षगांठ में भारतीय नागरिकों के दिलो-दिमाग में देशभक्ति की भावना को जगाना और भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना है।

मब्स को अदाणी इंटरप्राइजेज लिमिटेड द्वारा सूती के 3’x 2′ फीट साइज के 10,000 भारतीय ध्वज की सिलाई का आर्डर प्राप्त हुआ है। इसे ग्राम परसा, साल्हि, तारा इत्यादि सहित छः ग्रामों की चालीस से अधिक महिलाओं द्वारा पूरा किया जाएगा। इस बड़े आर्डर को पांच दिनों में पूरा करने की लिए मब्स की प्रशिक्षित महिलाओं द्वारा कपड़े की कटिंग करके विलेज कॉर्डिनेटर्स के माध्यम से ग्रामों का दौरा कर सिलाई का कार्य प्रदान किया जा रहा है। इन झंडों को स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में प्रशासन के समन्वय से घरों में वितरित किया जाएगा।

मब्स से जुड़ी इन सभी महिलाओं को अदाणी फाउंडेशन के सहयोग स्थापित किए गए सिलाई प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षित किया गया था। अब वे सभी आत्मनिर्भर बन घर बैठे ही सिलाई से अतिरिक्त कमाई कर रहीं हैं। इस तरह अदाणी फाउंडेशन ने सैकड़ों महिलाओं और उनके परिवारों के जीवन को बदल दिया है।

मब्स में कार्यरत ग्राम साल्हि के विलेज कॉर्डिनेटर वेदमती उइके ने कहा कि,”अदाणी इंटरप्राइजेज लिमिटेड का यह आर्डर हमारी समिति के लिए एक बहुत बड़ा लक्ष्य है जिससे न सिर्फ समिति के व्यापार में वृद्धि और मुनाफा होगा अपितु हमसे जुड़ी स्थानीय महिलाओं की आय में भी वृद्धि होगी।”

गौरतलब है कि आरआरवीयूएनएल अपने सामाजिक सरोकार के अन्तर्गत शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका संवर्धन और ग्रामीण संरचना विकास के कई कार्यक्रम संचालित करता है। अदाणी फाउंडेशन के मार्गदर्शन में चलाये जा रहे मब्स की स्थापना स्थानीय महिलाओं के जीविकोपार्जन और आय अर्जन में बढ़ोत्तरी तथा आत्मनिर्भर बनाने के लिए किया गया है।

वर्तमान में इन महिलाओं द्वारा मसाला निर्माण, सेनेटरी पैड्स निर्माण, डेयरी उत्पादन, मिनरल वाटर बॉटलिंग, जैविक खाद उत्पादन, फिनायल निर्माण इत्यादि इकाइयों का संचालन किया जा रहा है। जिसमें सौ से अधिक महिलाओं को रोजगार प्राप्त है। साथ ही पैंतीस से अधिक अधिक स्व-सहायता समूहों की दो सौ पचास महिलाएं इसकी सदस्य हैं जिन्हें हर साल होने वाले मुनाफे में डिविडेंड भी प्रदाय किया जाता है।

वहीं इन उत्पादों का विपणन आसपास ग्रामों में उपलब्ध रिटेल काउंटर्स में किया जाता है। अभी हाल ही में मब्स के सभी उत्पादों के विपणन के लिए वन विभाग द्वारा शुरू किये गए सी-मार्ट से भी आर्डर प्राप्त हुआ है।

ये है अदाणी फाउंडेशन
1996 में स्थापित, अदाणी फाउंडेशन वर्तमान में 18 राज्यों में सक्रिय है, जिसमें देश भर के 2250 गांव और कस्बे शामिल हैं। फाउंडेशन के पास प्रोफेशनल लोगों की टीम है जो नवाचार, जन भागीदारी और सहयोग की भावना के साथ काम करती है। वार्षिक रूप से 3.2 मिलियन से अधिक लोगों के जीवन को प्रभावित करते हैं।

चार प्रमुख क्षेत्रों में काम
अदाणी फाउंडेशन चार प्रमुख क्षेत्रों- शिक्षा, सामुदायिक स्वास्थ्य, सतत आजीविका विकास और बुनियादी ढा़ंचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करने के साथ सामाजिक पूंजी बनाने की दिशा में काम करता है। अदाणी फाउंडेशन ग्रामीण और शहरी समुदायों के समावेशी विकास और टिकाऊ प्रगति के लिए कार्य करता है, और इस तरह, राष्ट्र-निर्माण में अपना योगदान देता है।

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