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पूर्वी लद्दाख में चीन की घुसपैठ बढ़ी, रक्षा मंत्रालय ने दस्तावेज अपलोड करके हटाए

नई दिल्ली(एजेंसी): भारत और चीन के बीच एलएसी पर टकराव को पूरे तीन महीने हो चुके है लेकिन विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच रक्षा मंत्रालय का मानना है कि पूर्वी लद्दाख में स्थिति ‘संवेदनशील’ बनी हुई है और चीन की ‘आक्रमकता’ का जवाब देने के लिए तुरंत-कारवाई की जरूरत है.

पहली बार आधिकारिक तौर से रक्षा मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सेना के ‘अतिक्रमण’ के बारे में एक दस्तावेज अपलोड किया, हालांकि, अब इसे हटा दिया गया है. एबीपी न्यूज के पास हालांकि इस दस्तावेज की कॉपी है जिसके मुताबिक, एलएसी यानि लाइन ऑफ एक्युचल कंट्रोल पर चीन की आक्रमकता लगातार बढ़ती जा रही है जो खासतौर से 5 मई को गलवान घाटी में सबसे पहले हुई थी. इस रिपोर्ट में ये भी लिखा गया है कि चीन की तरफ से ‘ट्रांसग्रेशन’ यानि अतिक्रमणता कुगरंग नाला, गोगरा और पैंगोंग-त्सो लेक के उत्तर में 17-18 मई से शुरू हुई थी.

बता दें, पिछले तीन महीने से पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर भारत और चीन के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है. चीन ने गलवान घाटी, गोगरा, कुगरंग नाला, हॉट-स्प्रिंग और पैंगोंग-त्सो लेक से सटे फिंगर एरिया में विवादित इलाकों में घुसपैठ कर रखी है (रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, ‘अतिक्रमण’). इस दौरान 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसा में दोनों तरफ के सैनिकों हताहत हुए.

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, एलएसी पर चीन द्वारा की गई एकतरफा आक्रमकता पर लगातार नजर बनाए रखने की जरूरत है और इसके खिलाफ तुरंत कड़ी कारवाई की जरूरत है. रक्षा मंत्रालय के इस दस्तावेज से एक नए विवादित इलाके का पता चलता है. ये है कुगरंग-नाला, जो पैट्रोलिंग पॉईन्ट (पीपी) नंबर 16 है. ये पीपी नंबर 15 यानि गोगरा और पीपी नंबर 17 (हॉट-स्प्रिंग) के बीच में है. गलवान घाटी का पीपी नंबर 14 है. ये पैट्रोलिंग पॉईन्ट भारत के चायना स्टडी ग्रुप ने तैयार किए थे. एलएसी पर चिंहित इन पॉईन्ट तक ही भारतीय सैनिक पैट्रोलिंग करते हैं. पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर कुल 65 पैट्रोलिंग पॉइन्ट हैं जो डीबीओ से सटे काराकोराम पास से शुरू होकर डेमोचक तक हैं.

इसके बाद से दोनों देशों के बीच डिसइंगेजमेंट और डि-एस्केलशन को लेकर कई बार सैन्य और राजनयिक स्तर पर बातचीत हो चुकी है लेकिन स्थिति अभी भी ‘संवेदनशील’ बनी हुई है.

इस बीच भारत और चीन के कोर कमांडर स्तर की पांचवी बैठक (जो 2 जुलाई) को हुई थी उसका कोई भी नतीजा सामने नहीं आया है. जानकारी के मुताबिक, बैठक में चीन का अड़ियल रवैया सामने आया है. क्योंकि चीन पैंगोंग-त्सो लेक से सटे फिंगर 4 से पीछे हटने को तैयार नहीं है. यहां तक की फिंगर 8 से फिंगर 5 तक चीन ने अपने सैन्य-कैंप लगा लिए हैं और बड़ी तादाद में सैनिकों को तैनात कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक, भारतीय मीडिया में छपी कुछ खबरों को लेकर चीन अब भारत के सामने ही डिसइंगेजमेंट की शर्तें रख रहा है जिसे भारत ने ठुकरा दिया है.

भारत इस मीटिंग को लेकर अब हो सकता है कोई बयान जारी ना करे. लेकिन माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच टकराव पूरी तरह खत्म करने के लिए अभी दोनों और मीटिंग हो सकती हैं. माना जा रहा है कि अब मीटिंग उच्च-स्तर पर भी हो सकती है

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