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फफक पड़े राज्यसभा सभापति वेंकैय्या नायडू, विपक्ष के हंगामे पर कहा- सदन की गरिमा को चोट पहुंची

नई दिल्ली: आज सुबह 11 बजे सदन के शुरू होते ही राज्यसभा चेयरमैन वेंकैय्या नायडू ने अपना लिखा हुआ भाषण पढ़ना शुरू किया. वेंकैया नायडू ने कहा कि कल जिस तरह से कुछ सदस्यों ने यहाँ सदन के अंदर चेयर की ओर किताब फेंकी (रूल बुक) ख़राब शब्द बोले और हंगामा किया इससे सदन की गरिमा को भारी धक्का पहुँचा है. इसके कारण मैं बहुत आहत हूं. और ये कहते हुए सभापति वेंकैय्या नायडू का गला भर आया और वो रो पड़े.

राज्यसभा सभापति वेंकैय्या नायडू ने राज्यसभा शुरू होते ही कल हुए हंगामे को लेकर अपनी आपत्ति और गहरे दुःख को व्यक्त किया लेकिन अपना वक्तव्य पढ़ते हुए जैसे ही उनका गला रुँधा वैसे ही विपक्ष ने एक बार फिर हंगामा करना शुरू कर दिया. टीएमसी, कांग्रेस और अन्य विपक्षी सांसद वक्तव्य का विरोध करने लगे. इसी शोर में सभापति ने अपना वक्तव्य ख़त्म करते हुए कहा कि मैं ये सदन ऐसे नहीं  चलाना चाहता. इसके साथ ही उन्होंने सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी.

राज्यसभा सभापति वेंकैय्या नायडू ने अपने वक्तव्य में विपक्ष के संसद सदस्यों कहा कि आप इस तरह के हंगामे के साथ सरकार को फ़ोर्स नहीं कर सकते कि ये करो या ये ना करो. अपना भावुक वक्तव्य देते समय भी सभापति को सदस्यों से शांत होने के लिए कहना पड़ा.

राज सभा में कल सदन की कार्रवाई स्थगित होने के बाद घटी घटना पर गृह मंत्री अमित शाह राज्यसभा में नेता सदन पीयूष गोयल, अर्जुन राम मेघवाल, बी मुरलीधरण, धर्मेंद्र प्रधान समेत अन्य नेताओं ने राज्यसभा के चेयरमैन वेंकैया नायडू के साथ बैठक की. इसमें हंगामा करने वाले विपक्षी सांसदों पर कार्यवाही करने को लेकर भी चर्चा हुई.

हालाँकि चर्चा अभी ये भी चल रही है कि क्योंकि सरकार को ओबीसी बिल राज्यसभा में पास करवाना है और अगर विपक्षी सांसदों के खिलाफ कार्रवाई होती है तो उससे सरकार को सदन चलाने में दिक्कत आ सकती है और बिल पास करवाना मुश्किल होगा. इस वजह से मामले को एथिक्स कमिटी के पास भेजने पर विचार चल रहा है.

आज राज्यसभा से पास होना है ओबीसी बिल 

कल लोकसभा से पास होने के बाद आज राज्यों को ओबीसी आरक्षण में ओबीसी जातियों को चुनने का अधिकार देने वाला ओबीसी बिल राज्यसभा में पास होना है. इस बिल पर विपक्षी दल भी अपना समर्थन दे रहे हैं. एक ओर विपक्ष कह रहा है कि सरकार जन दबाव में मजबूरी में ये बिल का रही है वहीं दूसरी ओर सरकार और बीजेपी कह रही है कि विपक्ष के पास समर्थन करने के अलावा कोई रास्ता नहीं है.

 

 

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