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अगर एनडीए में नहीं बनी बात तो चिराग पासवान इन पार्टियों के साथ मिलकर बन सकते हैं सीएम कैंडिडेट

पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले हर पार्टी सीटों के बंटवारे को लेकर आश्वस्त हो जाना चाहती है. लिहाजा कोई पार्टी अपनी दावेदारी को सीधे रख रहा है जबकि कोई दबाव की नीति अपना रहा है. एक साल पहले हुए लोकसभा चुनाव में आखिरी वक्त तक सीटों के बंटवारे को लेकर महागठबन्धन में सिर फुटव्वल होता रहा. दूसरी तरफ एनडीए में उपेंद्र कुशवाहा और रामविलास पासवान ने बखेड़ा खड़ा किया था. हालांकि रामविलास पासवान को मना लिया गया था. जबकि उपेन्द्र कुशवाहा को बाहर जाने के लिए छोड़ दिया था.

एक बार फिर बिहार एनडीए में चिराग पासवान अपनी बात मनवाने के लिए अड़ गए हैं. हालांकि विधानसभा चुनाव के पहले लोकसभा से उलट दोनों गठबंधन में घमासान मचा हुआ है. जीतन राम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा और मुकेश सहनी ने एक गुट बना कर लालू यादव की पार्टी आरजेडी पर दबाव बना रहे हैं. वहीं चिराग पासवान ने 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में 43 सीटों की मांग बहुत पहले रख दी है. बीजेपी और जेडीयू के बीच सीटों के तालमेल को लेकर बात चीत शुरू है पर इसमें एलजेपी शामिल नहीं है.

इस बार सीटों को लेकर ही नहीं बल्कि चिराग पासवान और नीतीश कुमार के बीच भी ठनी हुई है. खबर है कि नीतीश कुमार चिराग पासवान से बात नहीं कर रहे. ऐसे में चिराग इस बात से इतने खफा हैं कि उन्होंने नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा ही खोल दिया. सरकार की खामियों को निकाल कर एक के बाद एक पत्र लिख रहे हैं. हालांकि नीतीश कुमार किसी पत्र का जवाब नहीं दे रहे.

वहीं कुछ दिन पहले केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान से फोन पर हुई बात के बाद चिराग पासवान कुछ नरम पड़े थे लेकिन दोबारा तेवर तल्ख हो गए. सूत्रों के मुताबिक खबर है कि नीतीश कुमार अब चिराग पासवान से मिलने को तैयार हैं. लेकिन क्या चिराग पासवान सिर्फ सीटों के बंटवारे को लेकर खिलाफ हैं या कोई और भी मसला है.

सूत्र बताते हैं कि रामविलास पासवान चाहते हैं कि उनके बेटे चिराग को केंद्रीय मन्त्रिमण्डल में जगह मिले. उनकी जगह कैबिनेट मंत्री बनाया जाए, जिसपर बीजेपी अभी राजी नहीं दिख रही, बीजेपी एमओएस यानि राज्यमंत्री बनाने को तैयार है. चिराग बीजेपी के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोल रहे लेकिन नीतीश कुमार पर नपे-तुले अंदाज में हमला बोल रहे हैं. आखिर चिराग क्या चाहते हैं?

चिराग पासवान के समर्थक बताते हैं कि एनडीए में रहकर अगर उन्हें 20 सीट भी मिले तो उनकी पार्टी को कोई खास फायदा नहीं होगा. नीतीश कैबिनेट में एलजेपी की तरफ से कोई मंत्री नहीं है ऐसे में चिराग हर मुद्दे पर आश्वस्त हो जाना चाहते हैं. दूसरी तरफ पप्पू यादव और तेजस्वी दोनों ही चिराग के हर राजनीतिक चाल पर नज़र रखे हुए हैं. पप्पू यादव ने तो चिराग को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाए जाने का बयान भी दे दिया है.

इधर, तेजस्वी यादव चिराग का एनडीए से बाहर आने का इंतजार कर रहे हैं. चिराग पासवान के सामने दो रास्ते हैं या तो एनडीए का हिस्सा बने रहें और जितनी सीट दी जाए उसपर लड़ लें या फिर अगर एनडीए से बाहर आएंगे तो तेजस्वी के साथ जाएंगे या फिर अलग मोर्चा तैयार करेंगे. चिराग पासवान के बारे में खबर है कि वह जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशान्त किशोर के संपर्क में भी हैं. बताया जा रहा है कि प्रशान्त किशोर देश में अलग मोर्चा तैयार करना चाहते हैं, जिसकी शुरुआत बिहार से करना चाह रहे हैं.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ चिराग पासवान को जोड़कर बिहार में चिराग को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाना चाह रहे. ऐसे में चिराग भी तेजस्वी के साथ एक युवा चेहरा बन जाएंगे, हालांकि अंतिम फैसला चिराग को ही लेना है.

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