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आज़ाद बिफरे, सिब्बल भड़कने के बाद संभले, आखिर कांग्रेस में बवंडर की कहानी क्या है? जानिए परत दर परत पूरा मामला

नई दिल्ली: पार्टी नेतृत्व को लेकर कांग्रेस पार्टी में घमासान मच गया है. आज कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में राहुल गांधी के ‘कुछ कांग्रेस नेताओं की बीजेपी से सांठ गांठ’ वाले बयान पर हंगामा खड़ा हो गया. हालांकि बाद में पार्टी की तरफ से कहा गया कि राहुल गांधी ने ऐसा कुछ भी नहीं कहा है. इस संदर्भ में कोई बात नहीं हुई. कांग्रेस का ये बयान ऐसे समय आया, जब पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल राहुल के बयान को लेकर भड़क गए. जानें कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर उठे बवंडर की पूरी कहानी क्या है?

कैसे शुरू हुआ बवाल?

दरअसल नेतृत्व के मुद्दे पर पार्टी दो खेमे में बंटी नजर आ रही है. सीडब्ल्यूसी की बैठक से एक दिन पहले रविवार को पार्टी में उस वक्त नया सियासी बवंडर खड़ा हो गया जब राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद समेत 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखा. इस पत्र में कांग्रेस नेताओं ने सोनिया से पूर्णकालिक और जमीनी स्तर पर सक्रिय अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग की थी. इसके बाद खबर आई कि सोनिया ने अध्यक्ष पद छोड़ने की इच्छा जाहिर की है.

दूसरे खेमे ने सोनिया-राहुल पर भरोसा जताया

हालांकि, इस पत्र की खबर सामने आने के साथ ही पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ और युवा नेताओं ने सोनिया और राहुल गांधी के नेतृत्व में भरोसा जताया और इस बात पर जोर दिया कि गांधी-नेहरू परिवार ही पार्टी को एकजुट रख सकता है. कांग्रेस की कई प्रदेश इकाइयों के अध्यक्षों और सांसदों ने भी सोनिया गांधी को पत्र लिखकर उनके और राहुल गांधी के नेतृत्व में विश्वास जताया.

आज हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक

आज सुबह जब कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक शुरू हुई तो कांग्रेस की वर्तमान अध्यक्षा सोनिया गांधी ने पद छोड़ने की पेशकश कर दी. हालांकि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोनिया गांधी से पद पर बने रहने का आग्रह किया. सीडब्लूसी की इस बैठक में सोनिया और मनमोहन के अलावा कांग्रेस नेता राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी, वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और एके एंटनी समेत कई नेता मौजूद थे.

इसके बाद राहुल के बयान से मचा बवाल

बैठक के दौरान राहुल गांधी के एक बयान से बवाल मच गया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, बैठक में राहुल गांधी ने पार्टी में नेतृत्व के मुद्दे पर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा कि जब पार्टी राजस्थान और मध्य प्रदेश में विरोधी ताकतों से लड़ रही थी और सोनिया गांधी अस्वस्थ थीं तो उस समय ऐसा पत्र क्यों लिखा गया. बताया जा रहा है कि सीडब्ल्यूसी की बैठक में राहुल ने कथित तौर पर यह भी कहा कि पत्र लिखने वाले नेता बीजेपी के साथ साठगांठ कर रहे हैं.

राहुल के साठगांठ वाले बयान पर बिफरे वरिष्ठ नेता

इसके बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल जैसे बड़े नेताओं ने राहुल के इस बयान पर अपनी नाराजगी जाहिर की. कपिल सिब्बल ने ट्वीट कर लिखा है, ‘’राहुल गांधी कहते हैं कि हमारी बीजेपी के साथ सांठ-गांठ है. राजस्थान हाईकोर्ट में पार्टी को सफलता दिलाई. मणिपुर में बीजेपी के खिलाफ पूरी ताकत से पार्टी का बचाव किया. पिछले 30 सालों में बीजेपी के पक्ष में एक भी बयान नहीं दिया. फिर भी हम पर बीजेपी से सांठ-गांठ का आरोप लग रहा है.’’

हालांकि इसके बाद कपिल सिब्बल ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया और कहा, ‘’ “राहुल गांधी ने खुद मुझसे कहा है कि जो बात उनसे जोड़कर कही जा रही है वह गलत है. इसलिए मैं अपना पहले का ट्वीट डिलीट कर रहा हूं.” इस दौरान कपिल सिब्बल ने ट्विटर पर अपने बायो से कांग्रेस भी हटा दिया.

लेकिन गुलाम नबी ने दे दी इस्तीफे की धमकी

कपिल सिब्बल के अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने भी राहुल के ‘बीजेपी से सांठगांठ’ वाले बयान पर अपनी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि अगर राहुल गांधी की “बीजेपी के साथ मिलीभगत” की टिप्पणी सही साबित हुई तो मैं इस्तीफा दे दूंगा. हालांकि आजाद ने जवाब देते समय राहुल गांधी का नाम नहीं लिया.

राहुल के बयान के बाद सुरजेवाला ने दी सफाई

राहुल गांधी के बयान पर हंगामा मचने के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रणदीप सुरेजवाला ने कहा, ‘’मीडिया में राहुल गांधी को लेकर जो बात कही जा रही है वो बात उन्होंने नहीं कही है. कृपया फ़र्ज़ी मीडिया रिपोर्ट से भ्रमित ना हों या फिर ग़लत सूचना न फैलाएं. हां, यह ज़्यादा ज़रूरी है कि क्रूर मोदी शासन के ख़िलाफ़ एकजुट होकर लड़ें न कि आपस में ही भिड़ते रहें.’’

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