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देश में पीएफ सब्सक्राइबर्स की संख्या घटी, कोविड के बाद जॉब मार्किट की निराशाजनक स्थिति का संकेत

देश में पीएफ ग्राहकों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई है और ये जॉब मार्किट पर महामारी के कहर का संकेत देती हैं. EPFO सब्सक्राइबर की संख्या व  सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में कर्मचारी भविष्य निधि के लिए सरकार द्वारा अनिवार्य योजना, साफ दर्शाती है कि नए PF में शामिल होने वालों की संख्या और नई नौकरियों का संकेत, पीएफ डेटा टैबुलेशन शुरू होने के बाद से एक वर्ष में सबसे कम हो गया है.

मार्च 2021 में नए PF ग्राहकों की संख्या पिछले पांच साल के मुकाबले सबसे कम

कोरोना महामारी की वजह से अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक पूर्ण पैमाने पर राष्ट्रीय तालाबंदी देखी गई, इस दौरान नए पीएफ ग्राहकों की संख्या 85.48 लाख थी, जो पांच साल पहले के डाटा की तुलना में सबसे कम है. दिलचस्प बात यह है कि इससे पहले के वर्षों में नए पीएफ ग्राहकों की संख्या बहुत ज्यादा थी – मार्च 2020 को समाप्त वित्तीय वर्ष में यह संख्या 1.10 करोड़ थी, जबकि 2019 में यह 1.39 करोड़ से भी ज्यादा थी.

बता दें कि नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिसर (NSO) द्वारा तैयार किए गए आंकड़े सरकार ने बुधवार को जारी किए थे.

मई महीने में ईपीएफ ग्राहकों की संख्या घटी

इस फाइनेंशियल ईयर के पहले तीन महीनों के मासिक आंकड़े भी नई नौकरी सृजन पर दूसरी लहर के प्रभाव को साफ तौर पर दिखाते हैं. मई के महीने में, देश के ज्यादातर हिस्सों में जब कोरोना की दूसरी लहर पीक पर थी तब, नए ईपीएफ ग्राहकों की संख्या घटकर 6 लाख से ऊपर हो गई, जो पिछले महीने 7.63 लाख थी (जब दूसरी लहर धीरे-धीरे जोर पकड़ रही थी).

यदि यह कोई सांत्वना है, तो अगले महीने संख्या में तेजी दिखाई दे सकती है, जो कम से कम सामान्य स्थिति में वापसी की शुरुआत का संकेत देती है. जून में नए प्रोविडेंट फंड सब्सक्राइबर्स की संख्या (जिसके लिए एनएसओ द्वारा आंकड़े जारी किए गए थे) तेजी से बढ़कर 8 लाख से ऊपर हो गया, जो पिछले महीने में केवल 6 लाख से ऊपर था.

 

 

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