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तीसरी लहर से निपटने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इन उपायों को बताया जरूरी, कही यह बात

दिल्ली. देश के कई राज्यों में कोरोना के कारण हालात काफी चिंताजनक बने हुए हैं. कुछ लोग इसे कोरोना की तीसरी लहर की शुरुआत के तौर पर भी देख रहे हैं. वहीं, अब ऐसे में सरकार की कोशिश स्वास्थ्य व्यवस्था को मज़बूत करने की हो गई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार कोरोना की तीसरी लहर को रोकने या उसके असर को कम करने की हर संभव कोशिश कर रही है.

टीकाकरण अभियान पर बात करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि टीकाकरण अभियान की रफ़्तार लगातार बढ़ाने की कोशिश की जा रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना के मद्देनज़र देश की स्वास्थ्य व्यवस्था को मज़बूत करने की आवश्यकता जताते हुए कहा कि देश में प्रशिक्षित डॉक्टरों और नर्सों के साथ-साथ जांच जैसी सुविधाओं की और ज़्यादा जरूरत है. इसके साथ ही, उन्होंने छोटे और मध्यम दर्जे के शहरों में अस्पतालों की क्षमता बढ़ाए जाने को भी ज़रूरी बताया.

वित्त मंत्री ने कोरोना से प्रभावित अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिए स्वास्थ्य सेक्टर को मज़बूत किए जाने से जुड़े एक वेबिनार को संबोधित किया है. वेबिनार को संबोधित करते हुए नीति आयोग के सदस्य और कोरोना से जुड़े एक टास्कफोर्स के अध्यक्ष डॉ. वी के पॉल ने अस्पतालों में मरीजों के लिए बेड की संख्या को बेहद कम बताया.

डॉ पॉल ने कहा कि पहले के मुकाबले फ़िलहाल देश में प्रति एक हज़ार व्यक्ति पर महज एक बेड उपलब्ध है, जो एक चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि इसे कम से कम दो बेड प्रति हजार व्यक्ति करने की ज़रूरत है. वी के पॉल ने आगे कहा कि कुल मिलाकर बेडों की संख्या को वर्तमान के करीब 12 लाख से बढ़ाकर 24-25 लाख तक करने की ज़रूरत है. बेडों की कमी को उन्होंने कोरोना जैसी महामारी से निपटने में एक बड़ी बाधा बताया है.

 

 

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