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निलंबित एडीजी जीपी सिंह EOW ऑफिस पहुंचे

रायपुर. सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद निलंबित एडीजी जीपी सिंह बुधवार को ईओडब्ल्यू ऑफिस पहुंचे. वहां उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के उस आर्डर की कॉपी सौंपी जिसमें उन्हें गिरफ्तारी के रोक को लेकर आर्डर जारी किया गया है. बता दें कि उन्हें पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया गया था, जिसके बाद वे दफ्तर पहुंचे है.

बता दें कि निलंबित IPS जीपी सिंह को सुप्रीम कोर्ट से 26 अगस्त को राहत प्रदान करते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जांच में सहयोग करने कहा था.

एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने भारतीय पुलिस सेवा के 1994 बैच के अधिकारी जीपी सिंह तथा उनके निकट संबंधियों के ठिकानों पर इस महीने की एक से तीन तारीख तक छापे की कार्रवाई की थी. छापे में सिंह और उनके संबंधियों से लगभग 10 करोड़ रुपए की अनुपातहीन संपत्ति मिलने की जानकारी दी गई थी.

एसीबी की कार्रवाई के बाद पुलिस ने IPS जीपी सिंह के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया था. बताया जाता है कि सिंह के निवास पर पुलिस छापे के दौरान एक डायरी फेंकी हुई मिली थी, जिसमें तमाम लेन-देन का जिक्र करने के साथ किस तरह से सरकार को गिराने की साजिश लिखी हुई थी. इस पर उच्चाधिकारियों को जानकारी होने के बाद पुलिस ने राजद्रोह का मामला दर्ज किया था.

जीपी सिंह मामले में अब तक का अपडेट

  •  ACB/EOW ने जीपी सिंह के पुलिस लाइन स्थित सरकारी बंगले पर 1 जुलाई की सुबह 6 बजे छापा मारा था, राजनांदगांव, ओडिशा समेत 15 अन्य ठिकानों पर एक साथ कार्रवाई की गई थी.
  • करीब 68 घंटे तक चली कार्रवाई के दौरान 10 करोड़ की अघोषित संपत्ति के साथ बंगले के पीछे गटर से कई अहम दस्तावेज मिले थे. इन्हें ही राजद्रोह के लिए साक्ष्य माना गया है.
  • छापे से मिली संपत्ति के आधार पर उनपर ACB ने भ्रष्टाचार के मामले में FIR दर्ज करवाई इसके आधार पर शासन ने 5 जुलाई को उन्हें सस्पेंड किया.
  • 8 जुलाई की रात जीपी सिंह के घर से मिले दस्तवोज के आधार पर उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया.
  • शुक्रवार 9 जुलाई को जीपी सिंह ने हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की, जिसमें CBI जांच की मांग की गई, सरकार ने इस वजह से कैविएट दायर किया है. याचिका खारिज कर दी गई.  बैंक मैनेजर को थाने बुलाकर पूछताछ की गई. बयान दर्ज किया गया.
  • पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए पिछले दिनों कई ठिकानों में छापे मारे इसके बाद पूछताछ के थाने आकर बयान दर्ज कराने तीन नोटिस जारी किए.
  •  रायपुर कोर्ट में पुलिस ने 400 पन्नों का चालान पेश किया.
  •  कोर्ट ने गिरफ्तारी साक्ष्य मांगे
  •  सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी पर लगाई रोक लगा दी.

 

 

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