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सीमा पर तनाव के बीच चीनी रक्षा मंत्री से मिल सकते हैं राजनाथ सिंह, मॉस्को में हैं दोनों रक्षा मंत्री

नई दिल्ली: भारत-चीन सीमा पर तनाव के बीच मॉस्को में राजनाथ सिंह चीनी रक्षा मंत्री से मिल सकते हैं. चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंगही ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की अहम बैठक से इतर भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक की इच्छा जताई है. राजनाथ सिंह और वेई दोनों एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए फिलहाल रूस की राजधानी मॉस्को में हैं. मई की शुरुआत में पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद के बाद दोनों पक्षों के बीच यह पहली उच्चस्तरीय बैठक होगी. हालांकि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विवाद को लेकर अपने चीनी समकक्ष वांग यी से टेलीफोन पर बातचीत की थी.

पूर्वी लद्दाख में कई जगह भारत और चीन की सेनाओं के बीच गतिरोध जारी है. तनाव तब और बढ़ गया था जब पांच दिन पहले पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर चीनी सेना ने भारतीय क्षेत्र पर कब्जे का असफल प्रयास किया. वह भी तब जब दोनों पक्ष कूटनीतिक और सैन्य बातचीच के जरिये विवाद को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं.

भारत पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर सामरिक रूप से महत्वपूर्ण ऊंचाई वाले इलाकों पर मुस्तैद है और चीन की किसी कार्रवाई को नाकाम करने के लिए ‘फिंगर-2’ और ‘फिंगर-3’ में अपनी मौजूदगी और मजबूत की है. चीन ने भारत के कदम का कड़ा विरोध किया है. चीन की इस हिमाकत के बाद भारत ने संवेदनशील क्षेत्र में अतिरिक्त जवानों और हथियारों को तैनात किया है. सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे भी फिलहाल दो दिन के लद्दाख दौरे पर हैं.

राजनाथ ने मास्को में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मास्को स्थित भारतीय दूतावास में गुरुवार को महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की. सिंह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की अहम बैठक में शिरकत करने के लिए बुधवार को तीन दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचे हैं. यह करीब दो महीनों में उनकी दूसरी रूस यात्रा है.

रक्षा मंत्री ने ट्वीट किया, “मास्को में भारतीय दूतावास में बापू की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए. महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देता हूं.” सिंह के साथ रूस में भारत के राजदूत डी बी वेंकटेश वर्मा भी थे. इस दौरान सिंह ने मास्क लगाया हुआ था और वह गांधी की प्रतिमा के आगे हाथ जोड़कर सिर झुकाए देखे गए.

राजनाथ सिंह की यात्रा के दौरान भारत और रूस ने अत्याधुनिक एके-203 रायफल भारत में बनाने के लिए एक बड़े समझौते को अंतिम रूप दे दिया है. एके-203 रायफल, एके-47 रायफल का नवीनतम और सर्वाधिक प्रारूप है. यह ‘इंडियन स्मॉल ऑर्म्स सिस्टम’ (इनसास) 5.56×45 मिमी रायफल की जगह लेगा.

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