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अमेरिकन वाहन निर्माता कंपनी फोर्ड भारत में बंद करेगी मैन्युफैक्चरिंग, जानें वजह

अमेरिकन वाहन निर्माता कंपनी फोर्ड (Ford) ने ऐलान किया है कि अब वह भारत में वाहनों का निर्माण नहीं करेगी. कंपनी ने गुरुवार को कहा कि उसने भारत के साणंद (Sanand) और चेन्नई (Chennai) मैन्युफैक्चरिंग प्लांट बंद करने का फैसला किया है. लंबे समय से हो रहे नुकसान के कारण कंपनी ने मजबूरी में यह फैसला लिया है. कंपनी ने एक बयान में कहा कि फोर्ड 2021 की चौथी तिमाही तक गुजरात के साणंद में निर्यात के लिए वाहन निर्माण और चेन्नई में वाहन और इंजन निर्माण को 2022 की दूसरी तिमाही तक बंद कर देगी.

कंपनी को पिछले 10 सालों में 2 बिलियन डॉलर से अधिक का परिचालन घाटा हुआ है, जिसके बाद मजबूरी में यह फैसला लिया गया है. हालांकि अमेरिकी वाहन निर्माता कंपनी भारत में अपनी कुछ कारों को पूरी तरह से निर्मित वाहनों और नॉक-डाउन इकाइयों के आयात के माध्यम से बेचना जारी रखेगी. इसके अलावा कंपनी मौजूदा ग्राहकों को सेवा देने के लिए डीलरों को भी सहायता प्रदान करेगी.

जनरल मोटर्स और हार्ले डेविडसन जैसी अमेरिकी कंपनियों के बाद फोर्ड भारत में उत्पादन बंद करने वाली तीसरी अमेरिकन वाहन निर्माता कंपनी है. स्थानीय उत्पादन बंद करने का निर्णय फोर्ड द्वारा घरेलू कार निर्माता महिंद्रा एंड महिंद्रा के साथ अपनी साझेदारी को समाप्त करने के बाद लिया गया. यह एक ऐसा कदम है, जिसने भारत में फोर्ड के अधिकांश स्वतंत्र संचालन को समाप्त कर दिया है. फोर्ड ने भारतीय बाजार में 25 साल पहले एंट्री की थी, लेकिन कंपनी की दुनिया के दूसरे सबसे अधिक आबादी वाले देश में यात्री वाहनों के बाजार में 2% से भी कम हिस्सेदारी है.

फोर्ड इंडिया के मुताबिक कंपनी अपनी चेन्नई स्थित फोर्ड बिजनेस सॉल्यूशंस टीम का विस्तार करने और भारत में वाहन निर्माण को बंद करते हुए फोर्ड के कुछ प्रतिष्ठित वैश्विक वाहनों और विद्युतीकृत एसयूवी को बाजार में लाने की योजना के साथ अपने परिचालन का पुनर्गठन करेगी. कंपनी के इस फैसले से देश में 4000 से ज्यादा लोगों का रोजगार प्रभावित हो जाएगा. कंपनी लंबे समय तक भारतीय बाजार में संघर्ष करती रही, लेकिन बाजार पर अच्छी पकड़ नहीं बना सकी.

 

 

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