लखमा ने कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कोई पूर्वज आदिवासी रहा होगा।
छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने जिस रणनीति के तहत पार्टी में आमूलचूल परिवर्तन किया है। वह उस पर भारी पड़ेगा। कांग्रेस के वरिष्ठ आदिवासी नेता और आबकारी मंत्री कवासी लखमा का तो यही आकलन है। कवासी ने कहा है, भाजपा को तो आदिवासी समाज और साहू लोग निपटा देंगे। उसके लिए हमारी भी जरूरत नहीं है।
कवासी लखमा ने कहा, वैसे तो संगठन में बदलाव भाजपा का अंदरुनी मामला है। लेकिन उनके युवा मोर्चा का नेता साहू (भाजयुमो के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अमित साहू) ने मुख्यमंत्री के घर का घेराव किया, उनकी छुट्टी कर दी गई। विश्व आदिवासी दिवस में आदिवासी लोगों को झटका दिया। आदिवासी लोग क्या माफ करेंगे ? साहू लोग क्या माफ करेंगे ? यहां तो पिछड़ा वर्ग और आदिवासी लोगों का बोलबाला है। आदिवासी को निपटाने के बाद ये लोग बचेंगे क्या ? यहां तो आदिवासी लोग और साहू लोग निपटा देंगे। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल पर टिप्पणी करते हुए कवासी लखमा ने कहा, चंदेल को अभी नई-नई जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें खुद नहीं मालूम कि मैं किधर का हूं। चंदेल के निशाने में बृजमोहन अग्रवाल हैं, उनके निशाने में रमन सिंह हैं। इनसे कैसे निपटेंगे। अभी धरमलाल कौशिक भी बहुत गुस्से में हैं। अपने ही निपटे हैं। लखमा ने कहा, इनके अपने ही लोग इनको निपटाएंगे। वहां हमारी जरूरत नहीं है।
आदिवासियों के हित में छत्तीसगढ़ सरकार
खरसिया पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से जब कवासी लखमा के बयान पर पूछा गया तो उन्होंने कहा है कि, यह उनकी भावना है। मैं समझता हूं कि सभी के पूर्वज कभी न कभी आदिवासी रहे होंगे, जब शुरुआत हुई होगी। अब वह अलग-अलग देशों में, अलग-अलग क्षेत्रों से होते हुए कौन कहां से आया है कोई नहीं जानता। कितनी संस्कृति मिली है, कितने खून मिक्सअप हुए हैं कौन जानता है। वे अगर ऐसा कह रहे हैं तो अच्छी बात है। आदिवासियों के हित में हमारी छत्तीसगढ़ सरकार लगातार काम कर रही है।
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