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महंगाई के मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस दोनों आमने सामने

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सांसद सोनी बोले-छत्तीसगढ़ में पेट्रोल-डीजल सस्ता नहीं करवा सकते तो इस्तीफा देकर घर बैठ जाएं मोहन मरकाम

महंगाई के मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस दोनों आमने सामने हैं। पिछले दिनों कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने पेट्रोल के दामों को लेकर केंद्र सरकार पर आरोप लगाए थे। इस पर पलटवार करने बयान की तलवार लेकर सांसद सुनील सोनी सियासी मैदान में कूद पड़े हैं। सोनी ने तो यहां तक कह दिया कि प्रदेश में पेट्रोल डीजल यदि मरकाम सस्ता नहीं करवा सकते तो इस्तीफा देकर घर में बैठ जाएं।

सांसद सोनी दावा करते हुए बोले- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेट्रोल डीजल की कीमतों में कमी करके देश की जनता को राहत दी। तमाम राज्यों ने भी अपनी जनता की चिंता की। मोदी सरकार द्वारा प्रति लीटर लगभग 15 से 17 रु से ज्यादा की राहत और राज्य सरकारों ने खुद के कर से 7 से 8 रु प्रति लीटर की राहत दी ,मगर छत्तीसगढ़ में महज 78 पैसे की छूट दी गई ये तो मजाक है।

मरकाम की कोई सुनता नहीं क्या ?

रायपुर के भाजपा सांसद सुनील सोनी ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केंद्र सरकार को उपदेश देने की बजाय प्रदेश के जिम्मेदारों को ज्ञान दें। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की हैसियत से मोहन मरकाम की जिम्मेदारी है कि वे प्रदेश में डीजल और पेट्रोल पर टैक्स कम करवाएं। यदि यहां उनके निर्देश नहीं माने जाते हैं तो केंद्रीय नेतृत्व को बतायें अन्यथा अपने पद से इस्तीफा देकर घर बैठ जायें।

छत्तीसगढ़ में पेट्रोल पर वैट अधिक

सोनी ने कहा- भाजपा शासित राज्य उत्तराखंड में प्रति लीटर वैट मात्र लगभग 14 रु,उत्तरप्रदेश में 16.5 रु,गुजरात में 16.5 रु,हिमाचल प्रदेश में 16.5 रु असम में 17 रु लिया जा रहा है। मगर छत्तीसगढ़ में 23 से 24 रु वैट और सेस के रूप में प्रति लीटर वसूले जा रहे हैं।

मरकाम ने ये कहा था 

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने मोदी सरकार पर जनता के साथ धोखा घड़ी अन्याय करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतों में लगभग 27 प्रतिशत की गिरावट आई है। मोदी सरकार देश में दाम नही घटाकर मुनाफा वसूलने मे व्यस्त है। 2014 में क्रूड आयल की कीमत 116 डॉलर प्रति बैरल था तब पेट्रोल 100 रु लीटर मिलता था आज घटकर 88 डॉलर प्रति बैरल हो गया है तब भी पेट्रोल 105 रु लीटर के करीब मिल रहा है।

इस हिसाब से पेट्रोल डीजल की कीमत में 15 रू प्रति लीटर की कमी होनी चाहिये। लेकिन मोदी सरकार पेट्रोल डीजल के भाव में कोई कमी नहीं कर रही है बल्कि पेट्रोल डीजल पर लगभग 19 रु एवं 15 रु 44 पैसा एक्साइज ड्यूटी वसूल रही है रसोई गैस के दाम भी अंतराष्ट्रीय बाजार में 750 डॉलर से घटकर 650 डॉलर प्रति मीट्रिक टन हो गया है जो लगभग 13.33 प्रतिशत की कमी है वर्तमान परिस्थिति में लगभग 10 रू प्रति सिलेण्डर कम होना चाहिये।

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