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40 रुपए के इंजेक्शन से बच जाएगी ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों की जान

कैंसर

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ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों के लिए अच्छी खबर सामने आई है। अब महज 40 रुपए के इंजेक्शन से ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों की जान बचाई जा सकती है। इस स्टडी की शुरूआत और डिजाइन टाटा मेमोरियल अस्पताल समूह के डायरेक्टर डॉ राजेंद्र बडवे ने किया था। इस स्टडी के परिणाम को सोमवार को पेरिस में हुए कैंसर सम्मेलन में प्रस्तुत किया गया, जिसकी सराहना की गई।

ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों के लिए अच्छी खबर सामने आई है। कैंसर के इलाज को प्रभावी, सरल और आम नागरिकों के लिए आसान बनाने की दिशा में टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल हमेशा आगे रहा है। इस बीच ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में हॉस्पिटल को एक और बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। यहां के रिसर्चर ने एक ऐसे इंजेक्शन की खोज की है, जिसके एक डोज से ब्रैस्ट कैंसर के सेल्स सुन्न (स्थिर) हो जाएंगे और शरीर के अन्य हिस्सों में इन सेल्स को बढ़ने से रोका जा सकेगा।

ब्रेस्ट कैंसर क्या है और यह कैसे होता है?

डॉ. सुदीप- ब्रेस्ट या स्तन महिला के शरीर का मुख्य हिस्सा है। ब्रेस्ट का काम है कि वह अपने टिश्यू से दूध बनाए। ये टिश्यू माइक्रोस्कोपिक वेसल्स की मदद से निप्पल से जुड़े होते हैं। जब ब्रेस्ट वेसल्स में छोटे और हार्ड पार्टिकल जमने लगते हैं या फिर ब्रेस्ट के टिश्यू में छोटी गांठ बनने लगती है, इसे ही ब्रेस्ट कैंसर कहते हैं। सवाल- टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल जिस इंजेक्शन की बात कर रहा है, उसकी कीमत कितनी है? डॉ. सुदीप- इसकी कीमत 40 से 60 रुपए है।

किस तरह की दवाई का इस्तेमाल इसमें किया गया है?

डॉ. सुदीप- हम इसके लिए Lidocaine लोकल एनेस्थीसिया का इस्तेमाल कर रहे हैं। क्योंकि रिसर्च में यह पाया गया है कि एनेस्थीसिया में एंटी कैंसर इफेक्ट भी है। आमतौर से एनेस्थीसिया का यूज शरीर के उस हिस्से को शून्य करने के लिए किया जाता है, जहां कुछ भी प्रोसीजर करना होता है यानी ऑपरेशन या सर्जरी। यह आसानी से मिल जाता है।

ये इंजेक्शन कैसे काम करता है

आमतौर पर सर्जरी करने के दौरान कैंसर सेल्स खुद को जीवित रखने के लिए एक हिस्से से शरीर के दूसरे हिस्सों में एक चैनल के माध्यम से प्रवेश कर जाते हैं, लेकिन नए रिसर्च में शोधकर्ताओं ने महज एक इंजेक्शन के माध्यम से सेल्स के प्रसार को रोकने में कामयाबी हासिल की है। मेडिकल ऑन्कोलॉजी के प्रफेसर व एक्टरेक के निदेशक डॉ. सुदीप गुप्ता ने बताया कि कैंसर के प्रभावित हिस्सों को सुन्न करने के लिए लोकल एनेस्थीसिया किया जाता है। इस एनेस्थीसिया के लिए डॉक्टरों ने लिडोकैन इंजेक्शन का इस्तेमाल किया। सर्जरी से पहले इस इंजेक्शन को ट्यूमर के चारों तरफ दिया जाता है। इस इंजेक्शन का फायदा यह दिखा कि कैंसर सेल्स पूरी तरह से सुन्न हो गए और शरीर के अन्य हिस्सों में इसका प्रसार नहीं हो पाया।

हर वर्ष बचेगी एक लाख मरीजों की जान

डॉ. राजेन्द्र बडवे ने दावा किया है कि ब्रैस्ट कैंसर के इलाज में इस उपचार प्रणाली का इस्तेमाल पूरे विश्व में किया गया तो हर वर्ष एक लाख लोगों की जान बचाई जा सकती है। डॉ. सुदीप गुप्ता के मुताबिक, इस इंजेक्शन के इस्तेमाल से क्योर रेट 5 फीसद बढ़ा है। आमतौर पर सर्जरी के बाद 81 फीसद ब्रेस्ट कैंसर मरीज पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं। इस इंजेक्शन के बाद ब्रेस्ट कैंसर मरीजों के ठीक होने का प्रमाण 86 फीसद हो गया है।

 

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