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एफडी कराते वक्त अगर नहीं रखा इन बातों का ध्यान, तो हो सकता है नुकसान

भारत में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) निवेश के सबसे लोकप्रिय विकल्पों में से एक रहा है. सुरक्षित और एक तय रिटर्न मिलने के कारण लोग एफडी में निवेश करना पसंद करते हैं. हालांकि एफडी में जब भी निवेश करें तो कुछ जरूरी बातों पर जरूर ध्यान देना चाहिए. आज हम आपको इन जरूरी बातों के बारे में बताने जा रहे हैं.

टेन्योर का चुनाव

FD में जब भी निवेश करें तो टेन्योर (अवधि) पर अच्छी तरह से सोच विचार कर लें. इस बात का ध्यान रखें कि मैच्योरिटी से पहले एफडी तुड़वाने पर जुर्माना देना होता है. इससे डिपॉजिट पर कमाए जाने वाला कुल ब्याज कम हो सकता है.

अलग-अलग एफडी में लगाएं पैसा

  • एक एफडी में पूरा पैसा नहीं लगाना चाहिए.
  • अगर आप को 5 लाख का निवेश एफडी में करना है तो एक से ज्यादा बैंकों में 1 लाख की पांच एफडी कराएं.
  • यह इसलिए जरूरी है कि पैसों की जरुरत पड़ने पर आप अपनी जरूरत के हिसाब से एक FD को बीच में ही तुड़वा सकें. इससे आपकी बाकी FD  सुरक्षित रहेंगी.

FD पर मिलने वाले ब्याज पर  टैक्स

  • इनकम टैक्स स्लैब के मुताबिक FD से मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगता है.
  • FD पर कमाया गया ब्याज एक वित्तीय वर्ष में 10 हजार रुपए से अधिक है तो उस पर TDS डिडक्शन होगा. यह कुल कमाए गए ब्याज का 10% होगा. सीनियर सिटीजंस के लिए ये लिमिट 50 हजार है.
  • आपकी आय टैक्सेबल रेंज से कम है, तो FD पर TDS डिडक्शन नहीं होने देने के लिए बैंक को फॉर्म 15G और फॉर्म 15H सब्मिट किया जा सकता है.

ब्याज

  • बैंकों में पहले तिमाही और सालाना आधार पर ब्याज का विड्रॉल करने का ऑप्शन था.
  • कुछ बैंक अब मासिक विड्रॉल का भी ऑप्शन दे रहे हैं.

 

 

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