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पीएमसी समेत 21 सहकारी बैंकों के प्रत्येक खाताधारकों को 5 लाख रुपये तक मिलेंगे

भारतीय रिजर्व बैंक की सहायक इकाई डीआईसीजीसी (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) ने एक नए कानून के तहत पीएमसी बैंक (Punjab and Maharashtra Cooperative Bank) सहित लगभग दो दर्जन तनावग्रस्त सहकारी बैंकों से उन खाताधारकों की सूची तैयार करने को कहा है, जो 90 दिनों के भीतर पांच लाख रुपये पाने के पात्र हैं. संसद ने पिछले महीने जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (संशोधन) विधेयक, 2021 पारित किया था, जिसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि आरबीआई द्वारा बैंकों पर स्थगन लागू करने 90 दिनों के भीतर खाताधारकों को पांच लाख रुपये मिलें.

यह कानून एक सितंबर 2021 से लागू हुआ है, और इससे 90 दिनों की समयावधि 30 नवंबर 2021 को पूरी होगी. इस समय 21 ऐसे सहकारी बैंक हैं, जो आरबीआई के स्थगन के तहत हैं. इसलिए इन बैंकों के खाताधारक पिछले महीने पारित कानून के तहत आते हैं.

जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) ने एक बयान में कहा, ‘‘ये (21) बैंक 15 अक्टूबर, 2021 तक दावा सूची पेश करेंगे और 29 नवंबर 2021 तक अंतिम अद्यतन (दूसरी) सूची (मूलधन और ब्याज के साथ) में अपडेट करेंगे, ताकि डीआईसीजीसी दावे का निपटान कर सके.’’ डीआईसीजीसी ने बैंकों से संशोधित कानून के अनुसार 90 दिनों के भीतर पांच लाख रुपये तक की धनराशि तक पहुंचने के लिए खाताधारकों को सहमति पत्र देने के लिए भी कहा है.

इस कदम से पीएमसी बैंक के अलावा श्री गुरु राघवेंद्र सहकारी बैंक, रुपया सहकारी बैंक, स्वतंत्रता सहकारी बैंक, अदूर सहकारी शहरी बैंक, बीदर महिला शहरी सहकारी बैंक और पीपुल्स कोऑपरेटिव बैंक के खाताधारकों को भी फायदा होगा. इन 21 बैंकों में 11 महाराष्ट्र के हैं, पांच कर्नाटक से हैं, जबकि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, केरल और राजस्थान से एक-एक बैंक हैं.

 

 

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