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कर्नाटक: सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया, हिजाब बैन के खिलाफ याचिका

कर्नाटक सरकार की तरफ से जहां एडवोकेट जनरल प्रभुलिंग नवदगी ने दलीलें पेश कीं वहीं याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने अपनी दलीलें पेश कीं।

कर्नाटक में हिजाब बैन के खिलाफ याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज एक बार फिर से सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। सुनवाई के दौरान कर्नाटक सरकार की तरफ से जहां एडवोकेट जनरल प्रभुलिंग नवदगी ने दलीलें पेश कीं वहीं याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने दलीलें पेश कीं। बता दें कि हिजाब बैन को चुनौती देने वाली याचिकाओं को जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच सुन रही थी।

कर्नाटक के शैक्षणिक संस्‍थानों में हिजाब पहनने पर रोक लगाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। जस्टिस हेमंत गुप्‍ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ मामले की सुनवाई कर रही है। बुधवार को भी इस मामले की शीर्ष अदालत में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि प्रदेश में हिजाब पहनने पर रोक नहीं लगाई गई है, बल्कि स्‍कूल-कॉलेजों में सिर्फ यूनिफॉर्म पहनने का निर्देश दिया गया है। बता दें कि शैक्षणिक संस्‍थानों में हिजाब पहनने पर रोक लगाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। शीर्ष अदालत ऐसी 23 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई कर रही है।

हिजाब विवाद क्या है?

बता दें कि कर्नाटक में हिजाब विवाद उस समय शुरू हुआ था, जब उडुपी के एक सरकारी स्कूल में कुछ छात्राओं को हिजाब पहनकर कक्षा में जाने पर रोक लगा दी गई थी। इसे लेकर देश के कई हिस्सों में काफी प्रदर्शन हुए थे। इसी दौरान आठ फरवरी को मांड्या में पीईएस कॉलेज के अंदर भगवा शॉल पहने लड़कों ने जयश्री राम के नारे लगाए। जिसके बाद विवाद और बढ़ गया। जय श्री राम के नारे लगाती भीड़ के सामने 19 साल की मुस्कान खान ने अल्लाह हू अकबर के नारे लगाए थे। इसके बाद मामला कर्नाटक हाईकोर्ट पहुंचा और हाईकोर्ट ने फैसला दिया था कि हिजाब इस्लाम धर्म का अभिन्न अंग नहीं है, इसलिए राज्य सरकार को इसे स्कूलों के अंदर यूनिफॉर्म का हिस्सा बनाने का निर्देश नहीं दिया जा सकता।

हिजाब विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान कर्नाटक सरकार की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज अदालत में पेश हुए। सुनवाई के दौरान कर्नाटक का पक्ष रखते हुए उन्‍होंने कोर्ट को बताया कि राज्‍य ने हिजाब पर प्रतिबंध नहीं लगाया है। ASG केएम नटराज ने कहा, ‘राज्‍य (सरकार) ने हिजाब पहनने पर रोक नहीं लगाई है। सिर्फ यूनिफॉर्म पहनने का निर्देश दिया है, जिसका धर्म से कोई लेनादेना नहीं है। राज्‍य सरकार न तो किसी भी तरह की धार्मिक गतिविधि को बढ़ावा देती है और न ही उसे प्रतिबंधित करती है।’ बता दें कि शैक्षणिक संस्‍थानों में हिजाब पहनने पर रोक लगाने के खिलाफ कई याचिकाएं दायर की गई हैं, जिनकी एक साथ सुनवाई की जा रही है।

 

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