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संबित पात्रा और रमन सिंह को मिली राहत बरकरार, छत्तीसगढ़ सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका

नई दिल्ली: टूलकिट मामले में छतीसगढ़ सरकार को आज सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा. कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा के खिलाफ राज्य सरकार की याचिका खारिज कर दी है. दोनों नेताओं पर राज्य पुलिस की तरफ से दर्ज एफआईआर में जांच पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने रोक लगाई थी. इस आदेश में दखल देने से सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया.

दोनों नेताओं ने कांग्रेस पर टूलकिट के माध्यम से केंद्र सरकार को बदनाम करने का आरोप लगाया था. इस आरोप को मनगढ़ंत बताते हुए कांग्रेस के छात्र संगठन NSUI के आकाश सिंह ने रमन सिंह और संबित पात्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी. 11 जून को हाईकोर्ट ने पूरे मामले को राजनीतिक कहा था. कोर्ट ने कहा था कि बीजेपी नेताओं के आरोपों से शांति भंग होने की आशंका गलत है. इससे आम नागरिकों का कोउ लेना-देना नहीं है. सिर्फ कांग्रेस के कार्यकर्ता परेशान हैं. एफआईआर को राजनीतिक प्रतिद्वंदिता का नतीजा बताते हुए हाई कोर्ट ने जांच पर रोक लगा दी थी.

इसके खिलाफ राज्य सरकार की अपील सुप्रीम कोर्ट में आज चीफ जस्टिस एन वी रमना, जस्टिस सूर्य कांत और हिमा कोहली की बेंच में लगी. चीफ जस्टिस ने राज्य सरकार के लिए पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी को सलाह दी कि वह यहां अपनी ऊर्जा बर्बाद न करें. बेंच ने कहा कि उसे उस आदेश में दखल की कोई जरूरत नहीं लगती. मामला अभी भी हाईकोर्ट में लंबित है. राज्य सरकार को वहीं अपनी बात रखनी चाहिए. चीफ जस्टिस ने हाईकोर्ट से मामले के जल्द निपटारे का अनुरोध किया.

 

 

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