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पंजाब के बाद राजस्थान कांग्रेस में हलचल, प्रदेश उपाध्यक्ष ने की पायलट के नेतृत्व में अगला चुनाव लड़ने की मांग

नई दिल्ली: पंजाब कांग्रेस के बाद अब राजस्थान में तकरार तेज हो गई है. राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी सचिन पायलट के समर्थन में आ गए हैं. सचिन पायलट को एक बार फिर से प्रदेश की कमान सौंपने की मांग उठने लगी है. पिछले साल भी राजस्थान में गहलोत वर्सेस पायलट खेमेबाजी देखने को मिली, जिसे कांग्रेस ने किसी तरह संभाला था. लेकिन अब एक बार फिर पायलट के समर्थन में बयानों के जहाज उड़ने लगे हैं.

प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी ने कांग्रेस आलाकमान से पायलट को प्रदेश की कमान सौंपने की बात कही है. चौधरी ने कहा कि राजस्थान में अगला विधानसभा चुनाव पायलट की अगुवाई में होना चाहिए. राजेंद्र चौधरी ने कहा कि गहलोत अपना काम कर चुके हैं उन्हें युवा नेतृत्व का मार्गदर्शन करना चाहिए, राजस्थान का जनमानस अब युवा नेतृत्व चाहता है.

और क्या बोले राजेंद्र चौधरी?

राजेंद्र चौधरी ने कहा, ”मुझे ढाई साल में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं मिला जिसने यह ना कहो कि अशोक जी मुख्यमंत्री रह लिए, वो बुजुर्ग हैं मार्गदर्शक के तौर पर काम करें और सलाह दें. राजस्थान का जनमानस और युवा चाहता है कि कांग्रेस सचिन पायलट जी को नेतृत्व सौंपे. कल सचिन पायलट के साथ कांग्रेस नेतृत्व की बैठक दिखाती है कि वो सचिन पायलट की पोजीशन को गंभीरता से ले रहे हैं. राजस्थान की जनता जल्द से जल्द मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे देखना चाहती है और मैं भी राजस्थान की जनता में शामिल हूं.” राजेंद्र चौधरी एक वक्त अशोक गहलोत एक वक्त अशोक गहलोत के बेहद खास लोगों में गिने जाते थे लेकिन अब उन्होंने गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?

जानकारों की मानें तो राजस्थान में एक बार फिर उठ रही इस मांग के पीछे सोची समझी रणनीति है. दरअसल अभी श्राद्ध पक्ष चल रहा है और माना जा रहा है कि जैसे ही श्राद्ध पक्ष खत्म होगा, वैसे ही बदलाव होगा. लेकिन बदलाव कैसा होगा इसे लेकर संशय बना हुआ है.

इस बीच कल सचिन पायलट की राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ मुलाकात हुई. इस मुलाकात के बाद सुगबुगाहट तेज हो गई कि राजस्थान मंत्रिमंडल में फेरबदल होने वाला है. वहीं अगर बदलाव की बात करें तो दो तरह के बदलाव देखने को मिल सकते हैं.

पहला कि सचिन पायलट को या तो मुख्यमंत्री बनाया जाए या फिर कांग्रे स प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी सौंपी जाए. दूसरा बदलाव कैबिनेट में फेरबदल करके किया जा सकता है. सचिन पायलट खेमे के विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह दिलवाई जा सकती है.

 

 

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