केंद्र सरकार ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा जा रहा था कि एयर इंडिया के लिए टाटा संस की ओर से सबसे बड़ी बोली लगाई गई है और कंपनी के हाथों में अब एयर इंडिया की कमान चली गई है. वित्त मंत्रालय के निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव की ओर से एक ट्वीट के ज़रिए तमाम खबरों को गलत बताया गया है. ट्वीट में कहा गया है कि जब फैसला लिया जाएगा तो मीडिया को सरकार के फैसले से अवगत करा दिया जाएगा.
निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने एक ट्वीट में कहा कि सरकार ने अभी तक एयर इंडिया के लिए वित्तीय बोलियों को मंजूरी नहीं दी है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘एयर इंडिया विनिवेश मामले में भारत सरकार द्वारा वित्तीय बोलियों को मंजूरी देने वाली मीडिया रिपोर्ट गलत हैं. मीडिया को सरकार के फैसले के बारे में बताया जाएगा.’’
यह भी पढ़ें- शादी के लिए बजट की हो रही आर्थिक परेशानी? जानें मैरिज लोन के बारे में
आपको बता दें कि मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि टाटा संस कर्ज में डूबी सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया के अधिग्रहण के लिए शीर्ष बोलीदाता के रूप में उभरी है. हालांकि सूत्रों ने बताया कि बोली को अभी तक गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के समूह (जीओएम) ने मंजूरी नहीं दी है.
इस मामले के जानकार सूत्रों ने कहा कि टाटा संस और स्पाइसजेट के प्रवर्तक अजय सिंह की वित्तीय बोलियों को कुछ दिन पहले खोला गया और बुधवार को कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में विनिवेश पर सचिवों के मुख्य समूह ने इसकी जांच की.
उन्होंने बताया कि आरक्षित निर्धारित मूल्य के मुकाबले बोलियों का मूल्यांकन किया गया और पाया गया कि टाटा की बोली सबसे ऊंची है. उन्होंने कहा कि अब इसे एयर इंडिया के निजीकरण के लिए गठित शाह के नेतृत्व वाले मंत्रियों के समूह के सामने रखा जाएगा.
यदि टाटा संस की बोली स्वीकार कर ली जाती है, तो वह उस राष्ट्रीय विमान वाहक का अधिग्रहण कर लेगा, जिसकी स्थापना उसने ही की थी. गौरतलब है कि जहांगीर रतनजी दादाभाई (जेआरडी) टाटा ने 1932 में एयरलाइन की स्थापना की थी. उस समय इस विमानन कंपनी को टाटा एयरलाइंस कहा जाता था.
यह भी पढ़ें- आईपीएल 2021: प्लेऑफ की तरफ एक कदम और बढ़ा सकती है KKR, आज ऐसी हो सकती है Playing 11
One Comment
Comments are closed.