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अगर नवरात्रि में कर रहे हैं गृह प्रवेश तो रखें इन चीजों का खास खयाल

इस साल 17 अक्टूबर 2020 से शारदीय नवरात्रि शुरू हो रही है. शारदीय नवरात्रि के इन 9 दिनों में माता दुर्गा की आराधना पूरे विधि-विधान के साथ की जाती है. इन 9 दिनों में माता दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हिन्दू धर्म में साल में कुल 4 नवरात्रियां होती हैं जो कि माघ, चैत्र, आषाढ़ और अश्विन माह में पड़ती हैं. इन 4 नवरात्रियों में चैत्र की नवरात्रि को बसंत नवरात्रि, अश्विन माह की नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि और आषाढ़ एवं पौष-माघ की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है.

चूंकि शारदीय नवरात्रि चतुर्मास में आती है. इसलिए इस नवरात्रि में कोई मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं लेकिन नवरात्रि में कई शुभ कार्य किए जाते हैं. शारदीय नवरात्रि में कई लोग अपने नए घर में प्रवेश भी करते हैं. शास्त्रों के मुताबिक ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि में गृह प्रवेश करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है.

मंगलवार के दिन नए घर में प्रवेश नहीं करना चाहिए. वैसे विशेष परिस्थितियों में शनिवार और रविवार के दिन भी गृह प्रवेश को वर्जित माना गया है.

नए घर में प्रवेश मंगल कलश के साथ करना चाहिए और यह मंगल कलश जल से भरा हुआ और उसमें आम की 8 पत्तियों के बीच नारियल रखा होना चाहिए. साथ ही साथ कलश और नारियल पर कुमकुम से स्वस्तिक का चिन्ह भी बना होना चाहिए.

पति-पत्नी को अपने साथ 5 मांगलिक चीजें (नारियल, पीली हल्दी, गुड़, चावल और दूध) लेकर घर में प्रवेश करना चाहिए.

पति-पत्नी को साथ में घर में प्रवेश करना चाहिए. घर में प्रवेश करते समय पति को अपना दायां पैर जबकि पत्नी को अपना बायां पैर आगे रखना चाहिए.

भगवान गणेश का ध्यान करते हुए मंत्रोच्चारण के साथ घर के ईशान कोण में बने पूजा घर में मंगल कलश की स्थापना करना चाहिए.

घर के किचेन में पहले दिन गुड़ और हरी सब्जियां रखना चाहिए.

नए घर में बने भोजन से सबसे पहले भगवान को भोग लगाना चाहिए.

गृह प्रवेश के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए और यथा शक्ति दान-दक्षिणा भी देना चाहिए.

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