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रामकृष्ण केयर के 17 साल पूरे

रायपुर। विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवा के साथ रामकृष्ण केयर ने अपनी स्थापना के 17 साल पूरे कर लिए हैं। रामकृष्ण केयर मध्य भारत के बड़े निजी अस्पतालों में एक है। चिकित्सा के क्षेत्र में अस्पताल के संस्थापक डॉ. संदीप दवे का जाना-पहचाना नाम है। 17 वर्षों में अस्पताल ने कई रिकार्ड बनाए हैं। 25 बेड्स से शुरू अस्पताल में आज 410 बेड्स हैं , जिनमें 130 आईसीयू बेड्स हैं। अस्पताल में 28 विशेषज्ञ विभाग ,60 वेंटिलेटर, 30 डायलिसिस यूनिट्स, 8 आपरेशन थियेटर्स, 10 आईसीयू और 48 ओपीडी चैम्बर्स हैं।

डा. दवे ने बताया कि वर्ष 1992 में 25 बिस्तरों के साथ रामकृष्ण अस्पताल की शुरुआत की। हमेशा यही कोशिश रही कि मरीज स्वस्थ होकर ही घर लौटे। किसी भी मरीज के लिए पैसे की कमी इलाज में कभी बाधा न बने, इसका पूरा ध्यान रखा जाता है। इसमें काफी हद तक सफल भी रहा। सामान्य मरीजों के इलाज के साथ ऐसे मरीज, जिनके पास इलाज के पैसे न होते, उनके लिए कभी खुद के खर्च पर तो शासकीय योजनाओं के लाभ या किसी के माध्यम से इलाज की सुविधाएं उपलब्ध कराता रहा।

2007 में केयर ग्रुप का साथ मिला। विश्वस्तरीय सुविधाओं के साथ अस्पताल में अब बिस्तरों की सुविधाएं 410 पहुंच गई हैं। उद्देश्य आज भी वही है कि कोई मरीज बिना इलाज के न लौटे और वह हो भी रहा है। रामकृष्ण केयर अस्पताल को लोगों के भरोसे ने विश्वसनीय बनाया, जो उन्हें बेहतर इलाज से मिला।

ट्रांसप्लांट और कैंसर के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य

डा.दवे ने बताया कि अस्पताल में आज हर तरह की बीमारियों के लिए विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है। अस्पताल में हार्ट, किडनी, कैंसर व लिवर की गंभीर और जटिल बीमारियों का बेहतर इलाज हो रहा है। खासकर लिवर, किडनी ट्रांसप्लांट और क्रिटिकल केयर में विशेषज्ञता के कारण रामकृष्ण केयर अस्पताल की प्रतिष्ठा पूरे देश में है। अस्पताल में मध्य प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, महाराष्ट्र से भी जटिल बीमारियों के इलाज के लिए मरीज आते हैं। यहां पर 100 से अधिक अनुभवी चिकित्सक विशेषज्ञों की टीम 24 घंटे काम कर रही है।

चिकित्सा सेवा से मरीजों का भरोसा जीतने में रामकृष्ण केयर अस्पताल हमेशा कामयाब रहा है। अस्पताल के रूप में मरीजों के भरोसे की नींव राजधानी के डा. संदीप दवे ने इस उद्देश्य के साथ रखी थी, ताकि हर तबके को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकें। उनकी सकारात्मक सोच के साथ देखा गया सपना न सिर्फ आकार ले चुका है, बल्कि साल-दर-साल चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल कर आज मध्यभारत के सबसे बड़े व सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा संस्थानों में एक बन गया है। डा. संदीप दवे कहते हैं जिनके पास पैसे हैं, वे तो अपना इलाज करा लेते हैं। कोशिश है हर गरीब तबके के लोगों को भी बेहतर चिकित्सा सेवाएं मिलें। इसके लिए हम हर संभव प्रयास करते हैं। फोकस होता है शासकीय योजना के माध्यम से गरीब मरीजों को इलाज मिले। जरूरत पड़ती है तो मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री से भी मरीजों को सहायता उपलब्ध कराते हैं। दूरस्थ क्षेत्रों के ऐसे मरीज जो अस्पताल तक नहीं पहुंच पा रहे, मैं उन क्षेत्रों में जाकर इलाज कर रहा हूं। इसमें मेरी पूरी टीम लगी हुई है।

 

 

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