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भूपेश बघेल बोले- धान से एथनॉल बनाने की मंजूरी छत्तीसगढ़ सरकार के दबाव में केंद्र ने लिया, कीमत भी प्रदेश की पहल पर हुआ है तय

रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एथनॉल के मुद्दे को लेकर प्रेस कांफ्रेंस की. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्री रविन्द्र चौबे, अमरजीत भगत, प्रदीप शर्मा और शैलेश नितिन  मौजूद थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- मुख्यमंत्री ने जब से कार्यकाल की शुरुआत की, उन्होंने कहा था कि किसान की आय कैसे बढ़े। मुख्यमंत्री ने कहा था कि कुछ नया सोचो, वैज्ञानिक सोचो। अलग अलग चीजों पर चर्चा के बाद हम सबने एथनॉल पर रुके थे।

उन्होंने कहा कि, ये उस वक़्त की बात है जब कहीं भी इथेनॉल की जानकारी इंटरनेट तक में नहीं थी। दुनिया मे चावल से एथनॉल बनाने की बिल्कुल नयी पद्धति थी, इस पर मुख्यमंत्री बने रहे। रविशंकर यूनिवरसिटी के लैब में टेस्टिंग कराई। हमारे लैब में 1 किलो चावल से 470 ग्राम एथनॉल उत्पादित किया गया। तब हमें लगा कि हमारी सोच सफल हो जयेंगी। उसके बाद टूटे चावल को पंजाब के लैब में भेजा गया। और कल वर्चुल मीटिंग में धर्मेंद्र प्रधान ने मुख्यमंत्री की सोच को स्वीकार करें।

उन्होंने कहा कि, ये उस वक़्त की बात है जब कहीं भी इथेनॉल की जानकारी इंटरनेट तक में नहीं थी। दुनिया मे चावल से एथनॉल बनाने की बिल्कुल नयी पद्धति थी, इस पर मुख्यमंत्री बने रहे। रविशंकर यूनिवरसिटी के लैब में टेस्टिंग कराई। हमारे लैब में 1 किलो चावल से 470 ग्राम एथनॉल उत्पादित किया गया। तब हमें लगा कि हमारी सोच सफल हो जयेंगी। उसके बाद टूटे चावल को पंजाब के लैब में भेजा गया। और कल वर्चुल मीटिंग में धर्मेंद्र प्रधान ने मुख्यमंत्री की सोच को स्वीकार करें।

उन्होंने कहा- फ़रवरी 2020 में सर्किट हाउस में एथनॉल को लेकर कार्यशाला आयोजित की गई और ये तय हो गया कि धान से एथनॉल तैयार हो सकता है। तब हमने केंद्र को पत्र लिखा कि हमें एथनॉल बनाने की अनुमति मांगी, लेकिन उन्होंने उस वक़्त इसे अनुमति नहीं दी। अब जाकर केंद्र ने एथनॉल की अनुमति दी है। धान से एथनॉल बनाने के बाद उसकी कीमत अब जाकर 54 रुपये प्रति लीटर तय की गई हैं। इससे पहले धान से एथनॉल की कीमत तय नहीं थी।

केंद्र ने शक्कर उत्पादन पर भी पांबन्दी लगाई थी, कि तय मात्रा से ज्यादा उत्पादन नहीं कर सकते तो इस पाबंदी के बाद हम शक्कर से भी एथनॉल बनाएंगे।

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