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आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट बैंक पर लगाई 1 करोड़ की पेनाल्टी, वेस्टर्न यूनियन पर भी लगा नियम नहीं मानने का जुर्माना

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने दो पेमेंट सिस्टम ऑपरेटरों पर पेनाल्टी लगाई है. नियामक अनुपालन में कमियों के कारण पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) और वेस्टर्न यूनियन फाइनेंशियल सर्विसेज इंक (डब्ल्यूयूएफएसआई) पर मौद्रिक दंड लगाया गया है. RBI की ओर से बुधवार को जारी किए गए एक बयान में कहा गया है “भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 01 अक्टूबर, 2021 को एक आदेश द्वारा पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) पर 1 करोड़ रुपये की पेनाल्टी लगाई थी.’ RBI का कहना है कि पेटीएम को भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (पीएसएस अधिनियम) की धारा 26 (2) में दोषी पाया गया था.

WUFSI पर लगा 27 लाख का जुर्माना 

इसके अलावा बयान में बताया गया है कि 22 फरवरी, 2017 को मनी ट्रांसफर सर्विस स्कीम (एमटीएसएस निर्देश) पर मास्टर निदेश में निहित निर्देशों के कुछ प्रावधानों के गैर-अनुपालन के लिए  एक कंपाउंडिंग ऑर्डर वेस्टर्न यूनियन फाइनेंशियल सर्विसेज इंक (WUFSI) को दोषी पाया गया. जिसके लिए इस पर RBI ने 27 लाख का जुर्माना लगाया है.

नियम अनुपालन में हुई गड़बड़ी

आरबीआई ने आगे जानकारी दी है कि पीएसएस अधिनियम की धारा 30 और धारा 31 के प्रावधानों के तहत आरबीआई में निहित शक्तियों के प्रयोग में जुर्माना लगाया गया है. RBI का कहना है कि यह कार्रवाई नियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य अपने ग्राहकों के साथ संस्थाओं द्वारा किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर विश्लेषण करना नहीं है.

आरबीआई ने आगे बताया कि प्राधिकरण के अंतिम प्रमाण पत्र (सीओए) जारी करने के लिए पीपीबीएल के आवेदन की जांच करने पर, यह पाया गया कि पीपीबीएल ने ऐसी जानकारी प्रस्तुत की थी जो तथ्यात्मक स्थिति को प्रतिबिंबित नहीं करती थी. चूंकि यह पीएसएस अधिनियम की धारा 26 (2) में यह एक क्राइम है, इसलिए पीपीबीएल को एक नोटिस जारी किया गया था. व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई लिखित प्रतिक्रियाओं और मौखिक प्रस्तुतियों की समीक्षा करने के बाद, आरबीआई ने उपरोक्त आरोप की पुष्टि की और मौद्रिक दंड लगाया गया.

 

 

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