Close

पीएम मोदी ने कहा-अब बढ़ रही मेड इन इंडिया की ताकत, स्वदेशी चीजें खरीदने को दें तरजीह, जानें 10 बड़ी बातें

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधित करते हुए कहा कि 100 करोड़ वैक्सीनेशन पूरे देश की सफलता है. उन्होंने शुक्रवार की सुबह कहा कि एक दिन में एक करोड़ टीका देश ने पार किया, यह टेक्नोलॉजी के बेहतर प्रबंधन का नतीजा है, जो बड़े-बड़े देशों के पास नहीं है. उन्होंने कहा कि 100 करोड़ वैक्सीनेशन का आंकड़ा देश ने पार किया है, इसकी सराहना हो रही है. आइये जानते हैं पीएम मोदी ने क्या-क्या कहा-

1. भारत के वैक्सीन अभियान की तुलना नहीं की जा सकती है. सवाल उठा कि भारत क्या कोरोना महामारी से लड़ पाएगा? भारत को वैक्सीन कब मिलेगी? भारत को वैक्सीन मिलेगी भी या नहीं? क्या भारत इतने लोगों को टीका लगा पाएगा?

2. भारत ने जिस तेजी से सौ करोड़ का आंकड़ा पार किया है उसकी सरहाना भी हो रही है. लेकिन इस विश्लेषण में एक बात छूट जाती है कि हमने इसकी शुरुआत कहां से की है. भारत अधिकतर दुनिया के दूसरे देशों की बनाई वैक्सीन पर निर्भर रहते थे.

3. भारत का पूरा वैक्सीनेशन प्रोग्राम विज्ञान की कोख में पनपा है. हम सभी के लिए यह गर्व करने की बात है. वैक्सीन बनने से पहले और वैक्सीन लगने तक इस पूरे अभियान में साइंस और साइंटिफिक एप्रोज शामिल रहा है. कोरोना महामारी के समय से आशंका व्यक्त की जा रही थी कि भारत को बड़ा मुश्किल होगा.

4. किस राज्य को कितना वैक्सीन मिलनी चाहिए और कब पहुंचनी चाहिए, इसको लेकर भी वैज्ञानिक फॉर्मूल के तहत काम हुआ. भारत के लोगों के लिए यह भी कहा जा रहा था कि इतना संयम, इतना अनुशासन यहां पर कैसे चलेगा? लेकिन हमारे लिए लोकतंत्र का मतलब है सबका साथ.

5. हमारे देश ने कोविन प्लेटफॉर्म  गरीब, अमीर, गांव, शहर दूर सदूर देश का एक ही मंत्र रहा, अगर बीमारी भेदभाव नहीं करती तो वैक्सीन में भेदभाव नहीं हो सकता. भारत के लोगों ने 100 करोड़ वैक्सीन डोज लेकर ऐसे लोगों को निरूत्तर कर दिया है. वैक्सीनेशन पर कोई वीआईपी कल्चर नहीं है. ताली-थाली से देश एकजुट दिखा.

6. आज भारतीय कंपनियों में ना सिर्फ निवेश हो रहा है बल्कि युवाओं के लिए अवसर भी बन रहे हैं. कोविन प्लेटफॉर्म दुनिया में मिसाल कायम किया है. कोरोना काल में कृषि क्षेत्र ने देश की अर्थव्यवस्था को बरकरार रखा. देश बड़े लक्ष्य तय करना और उन्हें हासिल करना जानता है. लेकिन, इसके लिए हमें सतत सावधान रहने की जरूरत है. हमें लापरवाह नहीं होना है.

7. कवच कितना ही उत्तम हो, कवच कितना ही आधुनिक हो, कवच से सुरक्षा की पूरी गारंटी हो, तो भी, जब तक युद्ध चल रहा है, हथियार नहीं डाले जाते. मेरा आग्रह है, कि हमें अपने त्योहारों को पूरी सतर्कता के साथ ही मनाना है. मैं आपसे फिर ये कहूंगा कि हमें हर छोटी से छोटी चीज, जो Made in India हो, जिसे बनाने में किसी भारतवासी का पसीना बहा हो, उसे खरीदने पर जोर देना चाहिए, और ये सबके प्रयास से ही संभव होगा. जैसे स्वच्छ भारत अभियान, एक जनआंदोलन है, वैसे ही भारत में बनी चीज खरीदना, भारतीयों द्वारा बनाई चीज खरीदना, Vocal for Local होना, ये हमें व्यवहार में लाना ही होगा.

8. एक्सपर्ट्स और देश-विदेश की अनेक एजेंसियां भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर बहुत सकारात्मक है. आज भारतीय कंपनियों में ना सिर्फ रिकॉर्ड निवेश आ रहा है बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी बन रहे है। स्टार्ट-अप्स में रिकॉर्ड निवेश के साथ ही रिकॉर्ड स्टार्ट अप्स, यूनिकॉर्न बन रहे है.

9. भारत के लोगों को वैक्सीन मिलेगी भी या नहीं? क्या भारत इतने लोगों को टीका लगा पाएगा कि महामारी को फैलने से रोक सके? भांति-भांति के सवाल थे, लेकिन आज ये 100 करोड़ वैक्सीन डोज, हर सवाल का जवाब दे रही है.

10. कल 21 अक्टूबर को भारत ने 1 बिलियन, 100 करोड़ वैक्सीन डोज़ का कठिन लेकिन असाधारण लक्ष्य प्राप्त किया है. इस उपलब्धि के पीछे 130 करोड़ देशवासियों की कर्तव्यशक्ति लगी है, इसलिए ये सफलता भारत की सफलता है, हर देशवासी की सफलता है.

 

यह भी पढ़ें- बच्चों को कब से लगेगी कोरोना वैक्सीन, जानें- क्या कहते हैं एक्सपर्ट

One Comment
scroll to top