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फिजिकल गोल्ड, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड ईटीएफ में निवेश के जरिये आप गोल्ड में निवेश को बना सकते हैं फायदेमंद

एक निवेश के तौर पर गोल्ड सदाबहार माना जाता है. इसे किसी भी वित्तीय संकट का सबसे बड़ा साथी माना जाता है. पीढ़ी दर पीढ़ी गोल्ड निवेशकों को लाभ पहुंचाता है. हर घर में कुछ न कुछ सोना फिजिकल फॉर्म में होता है. लेकिन यह निवेश के तौर पर भी एक बहुत बड़ा सहारा होता है. गोल्ड में निवेश के अलग-अलग माध्यम हैं. आइए उनके बारे में जानते हैं.

आप कहीं से भी सोना खरीद कर अपने पास रख सकते हैं. आप ज्वैलर्स, बैंक, ऑनलाइन स्टोर और एनबीएफसी से सोना खरीद सकते हैं. ज्वैलरी के अलावा सोने के सिक्के और बिस्कुट खरीद कर आप फिजिकल गोल्ड रख सकते हैं. सोने के सिक्के 5 से 10 ग्राम और बिस्कुट यानी बार 20 ग्राम के होते हैं. 24 कैरेट शुद्धता वाले ये बिस्कुट हॉलमार्क के साथ आते हैं. अमूमन लोग दीवाली, अक्षय तृतीया या नवरात्र के शुभ मुहुर्त में सोना खरीदते हैं. फिजिकल गोल्‍ड सिक्का खरीदने पर मेकिंग चार्ज भी लगता है.

सरकार अलग-अलग समय पर सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड जारी करती है. पिछले दिनों सरकार ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की सातवीं सीरीज जारी की थी. अब आठवीं सीरीज सब्सक्रिप्शन के लिए 9 नवंबर को आएगी. इसमें आप एक ग्राम की सोने की कीमत से निवेश कर सकते हैं. निवेशकों को यूनिट अलॉटमेंट पर गोल्‍ड बॉन्‍ड सर्टिफिकेट दिया जाता है. भुनाते वक्त गोल्ड रेट के हिसाब से कीमत मिलती है. इसका रेट पिछले तीन दिनों के औसत क्‍लोजिंग प्राइस पर तय होता है. बॉन्‍ड की अवधि में पहले से तय दर से निवेशक को ब्‍याज का भुगतान किया जाता है. आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के लिए बैंक ब्रांच, पोस्ट ऑफिस अधिकृत पोस्ट ऑफिस में अप्लाई कर सकते हैं.

गोल्‍ड ईटीएफ यानी एक्‍सचेंज ट्रेडेड फंड के जरिये भी सोने में निवेश किया जा सकता है. गोल्‍ड ईटीएफ की यूनिटें शेयर बाजार में खरीदी-बेची जा सकती हैं.  इनकी कीमत गोल्ड कीमतों के आधार पर घटती-बढ़ती है. हालांकि गोल्‍ड ईटीएफ में इनवेस्टमेंट के लिए डी-मैट और ट्रेडिंग अकाउंट का होना जरूरी है.

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