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सोनिया गांधी ने एक बार फिर कांग्रेस नेताओं को दी अनुशासन और एकजुटता की नसीहत, इस बात को लेकर जताई चिंता

पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चिंता जताते हुए कहा है कि देश के जुड़े अहम मुद्दों पर कांग्रेस रोज बयान जारी करती है लेकिन वह जमीनी कार्यकर्ताओं तक नहीं पहुंचता है. सोनिया ने कहा कि नीतिगत मुद्दों पर राज्य स्तर के नेताओं में मुझे वैचारिक स्पष्टता और एकजुटता की कमी दिखती है. कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक के बाद एक बार फिर सोनिया ने पार्टी में अनुशासन और एकता की नसीहत दी और कहा कि सबको व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा को छोड़कर संगठन के लिए काम करना चाहिए. इसी पर हमारी व्यक्तिगत और सामूहिक कामयाबी निर्भर करती है.

संगठन चुनाव को लेकर 1 नवम्बर से शुरू होने वाले सदस्यता अभियान, मंहगाई के खिलाफ 14 नवम्बर से शुरू होने वाले जन-जागरण अभियान और आगामी विधानसभा चुनावों के मुद्दे पर राष्ट्रीय महासचिवों, प्रभारियों और प्रदेश अध्यक्षों की बैठक में सोनिया गांधी ने बीजेपी-आरएसएस पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बीजेपी-आरएसएस के द्वेषपूर्ण प्रचार अभियान का मुकाबला और उनका पर्दाफाश करना बेहद जरूरी है. पूरी तैयारी के साथ ही देश में लोकतंत्र, संविधान और कांग्रेस की विचारधारा बचाने की लड़ाई लड़ी जा सकती है ताकि दुष्प्रचार की पहचान कर उसका मुकाबला किया जा सके.

इसी दौरान सोनिया गांधी ने चिंता जताई कि राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर कांग्रेस की राय जमीनी कार्यकर्ताओं तक नहीं पहुंचती और नीतिगत मुद्दों पर प्रदेश स्तर के नेताओं में स्पष्टता और एकजुटता की कमी दिखती है. कांग्रेस अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण और आंदोलन की जरूरत बताते हुए कहा कि किसान, खेतिहर मजदूर, युवा, छोटे दुकानदार जैसे सरकार से पीड़ित वर्गों की लड़ाई हमें तेज करनी होगी.

सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि जिम्मेदारियों से बचने के लिए सरकार संस्थाओं को कमजोर कर रही है. संविधान के मूल्यों को कमतर किया जा रहा है और लोकतंत्र की बुनियाद पर सवाल उठाए जा रहे हैं.

युवाओं को कांग्रेस से जोड़ने का महत्व बताते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि देशभर में युवा एक ऐसे आंदोलन की तलाश में हैं जो उनकी आकांक्षाओं को आवाज दे. उन्हें ऐसा मंच प्रदान करना हमारी जिम्मेदारी है. कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को पारदर्शी तरीके से घर-घर जाकर सदस्यता अभियान चलाना होगा.

बैठक में राहुल गांधी भी मौजूद रहे. देखना यह होगा कि सोनिया गांधी ने जिन कमियों को उभारा है उसकी भरपाई के लिए पार्टी क्या रोडमैप तैयार करती है और क्या सोनिया की नसीहत के बाद पार्टी नेताओं में एकजुटता आएगी? बीते हफ्ते हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में सोनिया गांधी ने असन्तुष्ट नेताओं को संदेश देते हुए कहा था कि मीडिया के जरिए बात करने की जरूरत नहीं है.

 

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