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दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक पंचायत में दिखेगा देश का दम, जानिए भारत पर क्यों टिकी हैं दुनिया की नज़रें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के 2 देशों के 5 दिनों के दौरे की शुरुआत इटली (Italy) से हो रही है. आज पीएम मोदी G20 देशों की बैठक में शामिल होंगे. बैठक 20 देशों की होनी है, लेकिन इसका संबंध दुनिया के 200 से ज्यादा देशों से है. जबकि सबकी नजर भारत पर होगी. बड़ी बात यह है कि 12 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने इटली की धरती पर कदम रखा है. इस मौके पर पहली बार इटली के प्रधानमंत्री से पीएम मोदी की आमने-सामने मुलाकात होगी. इसके बाद पीएम मोदी ब्रिटेन के ग्लास्गो में जलवायु परिवर्तन की चुनौती से मुकाबले की साझा रणनीति पर होने वाले COP26 महा मंथन में भी हिस्सा लेंगे. जानिए इस बैठक से भारत को क्या मिलेगा और दुनिया की नज़रे देश पर क्यों टिकी हैं.

पहले G20 के रुतबे को जानिए

  • दुनिया की 80% GDP में G20 देशों की हिस्सेदारी है.
  • 75% वैश्विक कारोबार में वर्चस्व है
  • और दुनिया की 60% आबादी इन देशों में है.

हिंदुस्तान पर पूरी दुनिया की नजर क्यों है?

भारत 100 करोड़ से ज्यादा लोगों का टीकाकरण कर चुका है. टीके बनाने के मामले में भारत आत्मनिर्भर है. दुनिया को उम्मीद है कि भारत कोरोना से जंग में मदद के लिए टीका मुहैया कराएगा. जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने में भी भारत की भूमिका अहम है. साथ ही भारत एक तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है, जिसके पास मजबूत आर्थिक प्रबंधन की काबिलियत है.

पूरी दुनिया को कोरोना टीका देने की राह में बड़ा रोड़ा है TRIPS

TRIPS यानी Trade-Related Aspects of Intellectual Property Rights विश्व व्यापार संगठन का एक समझौता है. जो कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों को पेटेंट का अधिकार देता है. यानी दूसरी फार्मा कंपनियां बिना पेटेंट राइट लिए वैक्सीन नहीं बना सकतीं. भारत ने विश्व व्यापार संगठन से कोरोना वैक्सीन को इस नियम से बाहर रखने की मांग की थी ताकि दूसरी फार्मा कंपनियां भी वैक्सीन बना सकें और दुनिया में वैक्सीन का उत्पादन बढ़े. दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया समेत कई देशों का भारत को समर्थन भी मिला.

भारत ने बीते साल अक्टूबर में कोरोना रोधी वैक्सीन को बौद्धिक सम्पदा सम्बन्धी ट्रिप्स की व्यवस्था से बाहर करने का प्रस्ताव WTO में भेजा था, जिसे दक्षिण अफ्रीका इंडोनेशिया समेत कई देशों ने समर्थन दिया था. अमेरिका भी इस प्रस्ताव का समर्थन पहले ही कर चुका है. ताकतवर G20 की रजामंदी WTO के फैसले को आसान बना देगी.

भारत के लिए अहम क्यों है ये बैठक?

बैठक में भारत की तरफ से G20 देशों को ट्रिप्स नियम हटाने को लेकर राजी करने की कोशिश होगी. अगर इस कोशिश में भारत सफल रहा तो भारत की अंतरराष्ट्रीय मंच पर ना सिर्फ अलग पहचान बनेगी, बल्कि कोरोना से दुनिया के जंग में भारत एक निर्णायक भूमिका में नजर आएगा.

भारत के लिए रोम में हो रही इस G20 बैठक की और भी खास अहमियत है, क्योंकि इटली की राजधानी रोम में हो रही G20 शिखर बैठक के ठीक बाद दिसम्बर 2021 में भारत इस ताकतवर समूह की मेज़बानी से जुड़ी तिकड़ी यानि ट्रॉयका में शामिल हो जायेगा. इटली के बाद 2022 में इंडोनेशिया और फिर 2023 में भारत G20 शिखर बैठक की मेजबानी करेगा. दुनिया के आर्थिक प्रबंधन में भारत के बढ़ते प्रभाव के लिहाज से भी रोम की यह बैठक अहम होगी.

G20 देशों की इस महाबैठक के लिए इटली ने जो थीम बनाई है उसमें

  • पीपल यानी कोरोना के खिलाफ लड़ने की रणनीति
  • प्लैनेट यानी जलवायु परिवर्तन की चुनौती से मुकाबला
  • और प्रोस्पैरिटी यानी दुनिया की आर्थिक रफ्तार बढ़ाने के तरीकों पर मंथन होगा.

 

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