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इस दीवाली घर में कराने जा रहे हैं पेंट, तो इन वास्तु नियमों का रखें खास ध्यान

हिंदू धर्म में दीवाली बहुत ही बड़ा त्यौहार माना जाता है. जिसका पौरणिक धार्मिक महत्व है. इस दिन हिंदुओं के देव भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे. आज कलयुग में भी इस दिन को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस मौके पर लोग घरों की सफाई करते हैं, रंग रौगन करवाते हैं. अगर आप भी इस दीवाली घर में पेंट करवा रहे हैं या फिर घर में पेंट करवाने के बारे में सोच रहे हैं तो वास्तु नियमों का ज़रुर ध्यान रखें. इससे आपको शुभ फलों की प्राप्ति ज़रुर होगी और इस दीवाली आपके घर में आएगी खुशहाली व संपन्नता.

इस दीवाली वास्तु के अनुसार अपने घर में कराए जाने वाले रंगों का चुनाव करना चाहिए. अपनी इस रिपोर्ट में हम उन्हीं रंगों के बारे में आपको जानकारी देंगे.

सात्विक रंगों का करें चुनाव

घर में पेंट कराना हो तो सात्विक रंगों का चुनाव करना चाहिए. यानि बेहद सौम्य और हल्के रंग जो आंखों को भी भाएं व मन को भी. आसमानी नीले, हरे, सफेद व बाकी किसी भी हल्के रंग का इस्तेमाल किया जा सकता है. ये सभी सात्विक रंग कहलाते हैं.

तामसिक रंगों से बनाएं दूरी

गहरे नीले, भूरे व काले रंगों को तामसिक रंगों की संज्ञा दी जाती है. जिनका प्रयोग कम से कम करना चाहिए. दरअसल, वास्तु शास्त्र के मुताबिक ऐसे रंग मनुष्य को ना केवल आलसी बनाते हैं बल्कि उनके मन मस्तिष्क पर भी ज्यादा सकारात्मक प्रभाव नहीं डालते. इसीलिए इस दीवाली इन रंगों का इस्तेमाल कम से कम करें.

किस दिशा की दीवार पर कौन सा रंग?

घर में सात्विक रंगों की क्या अहमियत है ये तो आपको पता चल ही गया लेकिन इन सात्विक रंगों में से कौन सी दिशा की दीवार में कौन से रंग का चुनाव करना चाहिए. ये भी जान लीजिए.

वास्तु के अनुसार उत्तर दिशा की ओर बने कमरों में नीले रंगों का इस्तेमाल करें. जबकि पूर्व दिशा में मौजूद कमरों का रंग हरा होना अच्छा माना जाता है.

घर के ड्रॉइंग रुम के लिए भी इन्हीं रंगों का चयन करना चाहिए. कहते हैं ये रंग ठंडे और कोमल होते हैं जो मन को शांति देते हैं.

बाथरुम में हल्के नीले रंग का चयन बेहद ही शुभ माना गया है.

स्टडी रूम में या फिर घर में कोई लाइब्रेरी है तो वहां पर पीले रंग का पेंट कराना चाहिए. इससे मन संतुलित व मस्तिष्क सक्रिय रहता है.

पूजा घर व घर के मंदिर में बैंगनी रंग का इस्तेमाल करें. इससे तनाव व अवसाद से मुक्ति मिलती है.

हर कमरे की छत को सफेद रंग की रखना उचित होता है. वहीं पूरे कमरे में सफेद रंग नहीं होना चाहिए क्योंकि इस रंग को वास्तु शास्त्र में अल्पजीवी माना गया है.

बेडरुम में गुलाबी, लाल, नारंगी रंगों का चुनाव किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे घर परिवार के सदस्यों के बीच रिश्ते और भी मजबूत बनते हैं. खासतौर से बेडरुम की दक्षिण दिशा में इन रंगों का प्रयोग करना चाहिए.

किचन में हल्का लाल या नारंगी रंगों का होना शुभ फल देता है. जबकि रसोईघर की पश्चिम दिशा में क्रीम, स्लेटी, सुनहरा, हल्का पीला या लाइट ब्लू रंगों का चयन करना चाहिए.

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