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देश में 83 लाख के करीब कोरोना मरीज, 24 घंटे में 38 हजार नए केस आए, कल के मुकाबले 15% कम

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नई दिल्ली: देश की कोरोना के मोर्चे पर लड़ाई जारी है, इस लड़ाई का फिलहाल एक ही लक्ष्य है, जब तक दवाई नहीं तब तक ढिलाई नहीं. इस बीच देश में कोरोना का खतरा लगातार बना हुआ है. पिछले 24 घंटे में थोड़ी राहत जरूर मिली है. पिछले 24 घंटे में कोरोना के 38 हजार 310 नए केस सामने आए हैं और 490 लोगों की जान गई है. कोरोना के मरने वालों की कुल संख्या 1,23,097 हो गई है.

कल से मुकाबले नए केस में 15% की गिरावट है. देश में कोरोना के कुल मरीजों की संख्या 83 लाख के करीब पहुंच गई है. देश में एक्टिव केस की संख्या घटकर 5 लाख 41 हजार चार सौ पांच पर आ गई है. पॉजिटिविटी रेट 3.66% पर पहुंच गया है, वहीं रिकवरी रेट की बात करें तो यह बढ़कर अब 91.96% हो गया है. आईसीएमआर के मुताबिक दो नवंबर को कुल 10,46,247 टेस्ट किए गए.

सितंबर में पीक बीत जाने के बाद से देश में लगातार कोरोना के नए मामलों में कमी देखी जा रही है. एक्सपर्ट का कहना है कि आंकड़े भले ही कम हो रहे हैं लेकिन खतरा कम नहीं हुआ है. हमें अभी भी उतनी सावधानी और सतर्कता रखने की जरूरत है. बहुत जरूरी होने पर ही घर से बाहर जाएं और मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को ही कोरोना की दवाई समझें.

महाराष्ट्र कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य बना हुआ है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि महाराष्ट्र में कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर की आशंका नहीं है, लेकिन अगर ऐसी परिस्थिति उभरती है तो राज्य इससे निपटने को लेकर तैयार है. इस बीच, सरकार ने स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए सबसे पहले कोविड-19 वैक्सीन की व्यवस्था करने का फैसला किया है.

राजधानी दिल्ली में फिलहाल कोरोनावायरस संक्रमण की एक और लहर देखी जा रही है. इस बीच शहर के कई निजी अस्पतालों और दो सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर के साथ कोई आईसीयू बेड नहीं बचा है, जो गंभीर रोगियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं.

दिल्ली सरकार की एप्लिकेशन के अनुसार, शहर भर में लगभग 68 प्रतिशत वेंटिलेटर वाले आईसीयू बेड भरे हुए हैं, जबकि बिना वेंटिलेटर के 69 प्रतिशत आईसीयू बेड भरे हुए हैं. हालांकि इसमें एक सुकून की बात यह भी है कि सामान्य कोविड-19 बेड के केवल 42 प्रतिशत ही फिलहाल उपयोग में हैं.

कोरोना वायरस से संबंधित जानकारी के लिए सरकार के मोबाइल एप के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, कुल 1,244 में से वेंटिलेटर के साथ लगभग 399 आईसीयू बेड खाली हैं. वहीं वेंटिलेटर के बिना कुल 1,921 में से 604 आईसीयू बेड खाली हैं. इसके अलावा 15,790 में से 9,076 सामान्य कोविड-19 बेड उपलब्ध हैं.

यह भी चिंताजनक बात है कि दिल्ली के 38 निजी अस्पतालों में वेंटिलेटर के साथ कोई भी आईसीयू बेड खाली नहीं है. दिल्ली सरकार के दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल और केंद्र सरकार के उत्तर रेलवे अस्पताल में भी वेंटिलेटर के साथ कोई भी आईसीयू बेड खाली नहीं है.

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