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मंडल स्तर पर शाखाएं बढ़ाएगा आरएसएस -डॉ. पूर्णेंदु सक्सेना

विपक्ष की ओर से सबसे तगड़े हमलों का सामना कर रहा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी ताकत को विस्तार देने पर जोर दे रहा है। संघ की पिछले दिनों धारवाड़ में हुई अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में तय हुआ है, 2024 तक सभी मंडलों तक शाखाओं का विस्तार किया जाए। अभी देश भर के केवल 84 जिले ही ऐसे हैं जहां संघ की शाखा मंडल स्तर तक लग रही है। संघ के छत्तीसगढ़ प्रमुख डॉ. पूर्णेंदु सक्सेना ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
छत्तीसगढ़ प्रमुख डॉ. सक्सेना ने बताया, साल 2025 में संघ की स्थापना के 100 साल पूरे हो रहे हैं। संगठन हर तीन साल में विस्तार की योजना बनाता है। ऐसे में विचार हुआ है, मंडल स्तर तक हमारा काम होना चाहिए। अभी देश में 6 हजार 483 ब्लॉक में से 5 हजार 683 में संघ का काम है। 32 हजार 687 मंडलों में काम जारी है। 910 जिलों में से 900 जिलों में संघ काम कर रहा है। इनमें से 560 जिलों में जिला केंद्र पर 5 शाखाएं हैं।
84 जिले ऐसे हैं जिसमें सभी मंडलों में शाखा है। हमने विचार किया है कि साल 2024 तक संघ का काम सभी मंडलों तक पहुंचना चाहिए। इस दौरान पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं को लेकर भी योजना बनी है। 2022 से 2025 तक कम से कम दो साल का समय देने वाले कार्यकर्ता तैयार करेंगे। अगले मार्च में इसकी संख्या आ जाएगी।
एक लाख से ज्यादा जगहों पर गुरु पूजन
कोरोना संकट की वजह से पिछले साल गतिविधियां बाधित रही हैं। संघ, कोरोना के कारण नियमित शाखा बाधित होने पर भी संपर्क के आधार पर देश में एक लाख पांच हजार 938 जगहों पर गुरु पूजन का कार्यक्रम करने की कोशिश में है। इस कार्यक्रम में गुरु दक्षिणा के तौर पर संघ कोष इकट्‌ठा करता है।
स्वतंत्रता आंदोलन की अपनी व्याख्या फैलाने की कोशिश
अगले कुछ सालों में संघ स्वतंत्रता आंदोलन की अपनी व्याख्या फैलाने पर जोर देगा। डॉ. पूर्णेंदु सक्सेना ने कहा, स्वतंत्रता आंदोलन केवल अंग्रेजों के खिलाफ नहीं था, अपितु भारत के “स्व’ का आंदोलन था। इसलिए स्वदेशी आंदोलन उसमें जुड़ गया, स्व-भाषा, स्व-संस्कृति का आंदोलन जुड़ गया। इसलिए भारत के “स्व’ का अर्थ अंग्रेजों को यहां से भगाना चाहिए, इतना ही नहीं था। भारत की आत्मा को जागृत करने का था। इसके लिए स्वामी विवेकानंद सहित अनेक हस्तियों ने काम किया। नई पीढ़ी को काला पानी की सजा पाए लोगों के बारे में जानकारी नहीं है। हमें लोगों को बताना होगा।
सिख धर्म के साथ एकजुटता दिखाने की कोशिश
प्रान्त संघ चालक डॉ. पुर्णेंदु सक्सेना ने कहा कि सिख पंथ के नवम गुरु, गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश वर्ष पर कार्यक्रमों के आयोजन का फैसला हुआ है। यह कार्यक्रम विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर किया जाएगा। उन्होंने कहा, गुरु तेग बहादुर जी ने धर्म- संस्कृति की रक्षा के लिए बलिदान दिया था। उनकी स्मृति व प्रेरणा वर्तमान पीढ़ी को भी होनी चाहिए।
बांग्लादेश दंगों पर प्रस्ताव पढ़कर सुनाया
डॉ. पूर्णेंदु सक्सेना ने कार्यकारी मंडल की बैठक में बांग्लादेश दंगों पर पारित प्रस्ताव पढ़कर सुनाया। इसमें कहा गया, बांग्लादेश में हिन्दू समाज पर आक्रमण अचानक घटित घटना नहीं है। फेक न्यूज के आधार पर साम्प्रदायिक उन्माद पैदा करने की कोशिश की गई है। हिन्दू समाज को लक्षित कर बार-बार हो रही हिंसा का वास्तविक उद्देश्य बांग्लादेश से हिन्दू समाज का संपूर्ण निर्मूलन है। विभाजन के समय पूर्वी बंगाल में हिन्दुओं की जनसंख्या लगभग 28% थी, वह घटकर अब लगभग 8% रह गई है। प्रस्ताव में भारत सरकार से कहा गया, उपलब्ध सभी राजनयिक माध्यम का उपयोग करते हुए विश्वभर के हिन्दू समाज एवं संस्थाओं की चिंताओं से बांग्लादेश सरकार को अवगत कराएं ताकि वहां के हिन्दू और बौद्ध समाज की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
धर्मांतरण रोधी कानून की बात भी उठाई
संघ के छत्तीसगढ़ प्रमुख डॉ. पूर्णेंदु सक्सेना ने धर्मांतरण रोधी कानून की भी बात उठाई। उन्होंने कहा, किसी भी प्रकार से संख्या को बढ़ाना, धोखे से, लालच से मतांतरण करवाना सही नहीं। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। एंटी कनवर्जन बिल का विरोध क्यों होता है, यह सबके सामने है। हिमाचल में कांग्रेस सरकार ने एंटी कनवर्जन बिल पारित किया।
अरुणाचल में कांग्रेस सरकार ने अनुभव के आधार पर कानून पारित किया। इसलिए मतांतरण रुकना चाहिए। जिन लोगों ने मतांतरण कर लिया है उन्हें घोषणा करनी चाहिए कि वे दोनों तरफ लाभ नहीं ले सकते। उन्होंने कहा कि यदि मतांतरण को रोकने के लिए कानून बनता है तो हम स्वागत करेंगे।
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