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जानिए अबतक कौन-कौन से राज्य पटाखों पर लगा चुके हैं पूर्व प्रतिबंध

नई दिल्लीदिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई राज्यों में हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है. आज नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को सभी स्रोतों से होने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्रण में करने के लिए पहल शुरू करने का निर्देश दिया है. प्रदूषण को लेकर ज्यादा चिंता इस बात की भी है, क्योंकि देश में इससे जानलेवा कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं. जानिए अबतक कौन कौनसे राज्य पटाखों पर पूर्व प्रतिबंध लगा चुके हैं.

एनजीटी ने दिल्ली एनसीआर में आज आधी रात से 30 नवंबर तक के लिए सभी पटाखों की बिक्री और पटाखे फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. हालांकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पहले ही पटाखों पर बैन का एलान कर दिया था. अबतक दिल्ली समेत आधे राज्यों ने खुद ही पटाखों पर बैन लगा दिया है. ये राज्य हैं-

  • दिल्ली
  • हरियाणा
  • कर्नाटक
  • महाराष्ट्र
  • पश्चिम बंगाल
  • राजस्थान
  • ओडिशा

एनसीआर में कहां-कहां पटाखे बैन?

  • दिल्ली
  • गुरुग्राम
  • नोएडा
  • गाजियाबाद
  • फरीदाबाद

बता दें कि एनजीटी का पटाखों पर लगाया गया प्रतिबंध देश के हर उस शहर और कस्बे पर लागू होगा, जहां नवंबर के महीने में वायु गुणवत्ता ‘खराब’ या उससे ऊपर की श्रेणी में दर्ज की गई.

NGT के फैसले में कम प्रदूषण वाले शहरों को राहत

  • कम प्रदूषण वाले शहरों में ग्रीन पटाखे जलाने की छूट
  • ग्रीन पटाखे जलाने के लिए सिर्फ 2 घंटे की इजाजत
  • दीवाली पर सिर्फ रात 8 से 10 बजे तक ग्रीन पटाखे जलेंगे
  • छठ पर सुबह 6 से 8 बजे तक ग्रीन पटाखों की इजाजत
  • न्यू ईयर, क्रिसमस पर रात 11.55 बजे से रात 12.30 बजे तक छूट

बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर में आज लगातार पांचवें दिन भी वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ की श्रेणी में बनी हुई है. दिल्ली में एक्यूआई 464 दर्ज किया गया. वहीं, एनसीआर क्षेत्रों में गाजियाबाद की हवा आज सबसे ज्यादा खराब है. यहां एक्यूआई 483 है. इसके अलावा-

  • फरीदाबाद में एक्यूआई 462
  • गुरुग्राम में एक्यूआई 475
  • गौतमबुद्ध नगर में एक्यूआई 482
  • इंदिरापुरम में एक्यूआई 476
  • मुरथल में एक्यूआई 414
  • आगरा में एक्यूआई 451
  • हापुड़ में एक्यूआई 427
  • बहादुरगढ़ में एक्यूआई 443
  • भिवानी में एक्यूआई 479
  • रोहतक में एक्यूआई 449 रहा.

अधिकारियों के मुताबिक, गाड़ियों से निकलने वाला काला धुआं, निर्माण कार्यों से उड़ने वाले पीएम कण, सड़कों पर फैली धूल, उद्योगों से होने वाले उत्सर्जन और पड़ोसी राज्यों में जलाई जा रही पराली वायु प्रदूषण के कुछ मुख्य कारक हैं. प्रदूषण को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने गौतमबुद्ध नगर में 15 कंपनियों को नोटिस जारी किए हैं, जो प्रदूषण विभाग की अनुमति लिए बगैर ही कार्य कर रही थीं.

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