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लाल पानी से प्रभावित 58 गांव के ग्रामीण हुए लामबंद

० माइनिंग लीज के नवीनीकरण को लेकर प्रभावित गांव की लोगों के सामने जनसुनवाई का किया विरोध
दंतेवाड़ा। दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा जिले के किरन्दुल एनएमडीसी परियोजना के खिलाफ लाल पानी से प्रभावित 58 गांव के हजारों ग्रमीणो ने किया विरोध। किरन्दुल परियोजना के अंतर्गत माइनिंग लीज के नवीनीकरण को लेकर प्रभावित गांव की लोगों के सामने जनसुनवाई आज की जानी थी , लेकिन 58 गांव की ग्रामीणों बुलाने की बजाए मात्र 7 गांव एवं दो नगरपालिका क्षेत्र के ही ग्रामीणों को जनसुनवाई में शामिल होने की जानकारी दी गई थी। इसके विरोध में लाल पानी से प्रभावित दंतेवाड़ा सुकमा एवं बीजापुर जिले के 58 गांव के लोग एनएमडीसी एवं जिला प्रशासन के खिलाफ आक्रोशित होकर लामबंद हो गये है। और जनसुनवाई को रद्द कर आगे की तारीख निर्धारित कर समस्त प्रभावित गांव के लोगों के सामने सुनवाई करने की बात पर अड़ गए है। मूलवासी बचाओ मंच के बैनर एवं आदिवासी समाज के द्वारा यह प्रदर्शन किया गया।

मूलवासी बचाओ मंच एवं आदिवासी समाज सुदरू कुंजाम, मंगल कुंजाम एवं सोनी सोरी ने बताया कि एनएमडीसी द्वारा सालों से इस खदान से लोहे का खनन किया जाता रहा है। इस खनन से बहकर निकलने वाले लाल पानी से हजारों लोग प्रभावित है। जिनके उत्थान हेतु अब तक किए गए प्रयास नाकाफी रहे है। इन गांव का समुचित विकास नही हुआ है यहाँ लोग मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित है। एनएमडीसी एवं जिला प्रशासन द्वारा लोगो अब तक केवल छला गया है। लेकिन अब जिला प्रशासन एवं एनएमडीसी को ग्रामीणों को साथ में लेकर एवं प्रभावित गांव के लोगों को बेरोजगारों को रोजगार देना होगा एवं तीनों जिले के प्रभावित गांवों के विकास करने की जिम्मेदारी उठानी पड़ेगी उसके बाद ही एनएमडीसी के विस्तार का कार्य का समर्थन किया जाएगा अन्यथा एनएमडीसी के खनन के कार्य को बंद कर दिया जाएगा। इस दौरान हजारों की तादाद में 58 गांव के ग्रामीण राशन एवं बर्तन लेकर किरन्दुल शहर में जमे हुए है। कल भी यहाँ ग्रामीणो द्वरा मांगों को लेकर प्रदर्शन किया जाएगा।

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