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निष्पक्ष और कानून के तहत किया गया सही अन्वेषण लैंगिक अपराधों में न्याय दिलाने में होता है कारगर

० पुलिस प्रशिक्षण केंद्र चंदखुरी में लैंगिक अपराधों से बालकों की देखरेख और संरक्षण अधिनियम पर कार्यशाला संपन्न

रायपुर। जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर संतोष शर्मा के मार्गदर्शन में पुलिस प्रशिक्षण केन्द्र चंदखुरी में लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 (पॉक्सो) तथा किशोर न्याय बालकों की देखरेख और संरक्षण अधिनियम 2015 पर माननीय सर्वाेच्च न्यायालय नई दिल्ली के निर्देशानुसार प्रशिक्षण तथा कार्यशाला का आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर द्वारा किया गया। आयोज़न में पॉक्सो मामले के विशेष न्यायाधीश श्रीमती शुभ्रा पचौरी तथा राकेश कुमार सोम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जिला रायपुर मुख्य वक्ता एवं प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित रहे।

श्रीमती शुभ्रा पचौरी विशेष न्यायाधीश पॉक्सो द्वारा प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि बच्चों के साथ घटित होने वाले लैंगिक अपराधों में अन्वेषण एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है क्योंकि अन्वेषण की कमियों ही ऐसे अपराध करने वाले अपराधीयों को बचाव के रास्ते प्रदान कर देता है। न्यायाधीश द्वारा बताया गया कि, लैंगिक अपराधों में बच्चों के साथ साथ पुलिस के द्वारा बड़ी संवेदनशीलता के साथ अन्वेषण कार्यवाहियों को आगे बढ़ाना चाहिए और साक्ष्य एकत्रित करने में बच्चों के साथ शिष्टतापूर्वक एक अभिभावक का रोल निभाना चाहिए। जिससे बच्चे उनके साथ हुई घटना की जानकारी बड़ी सरलता से प्रदान कर सके। बच्चों के लिए स्पेशल पुलिस युनिट के माध्यम से उनका अन्वेषण कक्ष भी बच्चों के अनुकूल होना चाहिए।

राकेश कुमार सोम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) द्वारा अपने उद्बोधन में कहा कि आज बच्चों के साथ होने वाले लैंगिक अपराधों की घटना में कोई न कोई करीबी या निकटस्थ व्यक्ति ही होता है इसलिए पुलिस को अन्वेषण करने में उक्त तथ्यों को ध्यान में रखना चाहिए कि कई बार परिवार के सदस्य उनको बचाने के लिए बच्चों पर अनावश्यक दबाव बनाने का प्रयास करते है। ऐसी दशा में न्यायालय को अवगत कराना महिला एवं बाल विकास, सी.डब्ल्यू.सी. एवं अन्य संस्थाओं का सहयोग ले सकते है, जिससे बच्चों को सुरक्षित किया जा सके। न्यायाधीशगण द्वारा डीएनए टेस्ट, साक्ष्य संकलन गर्भाधान की स्थिति में कार्यवाही, साक्षी की सुरक्षा आदि विषयों पर भी प्रशिक्षण में सूक्ष्मता से जानकारी दी। अंतिम उद्बोधन में न्यायाधीश श्रीमती शुभ्रा पचौरी द्वारा कहा गया कि बचपन को सुरक्षित करने का कर्तव्य हम सभी पर है, इसलिए बचपन को अपराध जैसे काले साये से बचाने हेतु हम सभी को मिलकर समाज में जागरूकता लानी होगी और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर इस कार्य को कर रही है, जिसमें आप सभी अपना सहयोग दे सकते है।

 

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