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क्या दिल्ली में फिर से लगेगा लॉकडाउन? जानिए- इसे लेकर अबतक किसने क्या कहा

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले कुछ दिनों में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है. दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच फिर से लॉकडाउन लगाने की चर्चा तेज है. हालांकि दिल्ली सरकार ने कहा कि लॉकडाउन लगाने का कोई इरादा नहीं है. मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कुछ हॉटस्पॉट और बाजारों में फिर से लॉकडाउन के संकेत दिए थे.

दिल्ली में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को केंद्र से उन बाजारों में लॉकडाउन लागू करने का अधिकार देने की मांग की जो संक्रमण के केंद्र के रूप में उभर सकते हैं. स्वास्थ्य विभाग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में बीते एक दिन में कोरोना के 6396 नए मरीज सामने आए हैं जबकि इसी दौरान 99 लोगों की मौत भी हुई है.

दिल्ली में एक नवंबर से 16 नवंबर के बीच कोरोना वायरस के एक लाख से अधिक नये मामले दर्ज किये गये और करीब 1,200 संक्रमितों की मौत हुई है, वहीं करीब 94,000 रोगी इस अवधि में संक्रमण से उबरने में सफल रहे. दिल्ली में अब शादी समारोह में 50 से अधिक लोग शामिल नहीं होंगे, कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद यह फैसला लिया गया है.

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, ‘दिल्ली सरकार का लॉकडाउन लगाने का कोई इरादा नहीं है. हमारा मानना है कि लॉकडाउन कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में समाधान नहीं है. बेहतर अस्पताल प्रबंधन और बेहतर चिकित्सा प्रणाली ही समाधान है. दिल्ली सरकार ने चिकित्सा प्रणाली को अच्छी तरह से प्रबंधित किया है और भविष्य में भी करेगी.’

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, ‘लॉकडाउन नहीं होगा, लेकिन स्थानीय स्तर पर कुछ प्रतिबंध होंगे. ज्यादा से ज्यादा टेस्ट किए जा रहे हैं, इसे आगे बढ़ाया जा रहा है. वायरस छठ पूजा के दौरान लोगों के जमा होने से ज्यादा फैल सकता है, इसलिए प्रतिबंध लगाए गए हैं.’

राजधानी दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद अब यूपी सरकार भी अलर्ट हो गई है. कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए नोएडा से सटे सभी बॉर्डर पर आज से रैंडम कोरोना टेस्ट किया जा रहा है और इसके लिए एक्शन प्लान तैयार पर काम चल रहा है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि से निपटने के लिए कोविड-19 के लिए जांच क्षमता दोगुनी बढ़ाकर प्रति दिन एक लाख से 1.2 लाख तक करने और आईसीयू बेड बढ़ाकर 6,000 से अधिक करने समेत कई फैसले लिए गए हैं.

मंत्रालय ने कहा कि निरूद्ध क्षेत्रों और अन्य संवेदनशील इलाकों में उपचाराधीन मरीजों की घर-घर निगरानी बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया है, जिसके लिए 7,000-8,000 टीमों को इस काम में लगाया जाएगा. वर्तमान में इसके लिए 3,000 टीमें हैं.

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