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टीबी एवं कुष्ठ रोगियों की खोज के लिए चलेगा सघन अभियान, 1 दिसम्बर से प्रदेश भर में होगी स्क्रीनिंग

० स्वास्थ्य विभाग ने परिपत्र जारी कर सभी कलेक्टरों को दिए विस्तृत दिशा-निर्देश

रायपुर।प्रदेश में टीबी एवं कुष्ठ रोगियों की पहचान के लिए सघन अभियान चलाया जाएगा। अभियान के तहत 1 दिसम्बर से स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर इन दोनों बीमारियों के संभावित मरीजों की पहचान करेगी। अभियान के अंतर्गत संभावित मरीजों की जांचकर पॉजिटिव पाए गए लोगों को इलाज भी उपलब्ध कराया जाएगा। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव प्रसन्ना आर. ने सभी जिलों के कलेक्टर को परिपत्र जारी कर अभियान के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश दिए हैं।

सघन टीबी एवं कुष्ठ खोज अभियान दो चरणों में संचालित किया जाएगा। पहले चरण में 1 दिसम्बर से 21 दिसम्बर तक चार जिलों नारायणपुर, सुकमा, बीजापुर और दंतेवाडा को छोड़कर राज्य के अन्य सभी जिलों में यह अभियान संचालित किया जाएगा। बस्तर संभाग के नारायणपुर, सुकमा, बीजापुर और दंतेवाडा में 4 जनवरी 2023 से 25 जनवरी 2023 तक यह अभियान चलेगा। सघन टीबी एवं कुष्ठ खोज अभियान के दूसरे चरण में 2 जनवरी 2023 से 17 जनवरी 2023 तक सभी निजी चिकित्सालयों, नर्सिंग होम्स, प्राइवेट प्रैक्टिशनरों और केमिस्टों द्वारा चिन्हांकित टी.बी. व कुष्ठ के संदेहास्पद मरीजों की दैनिक सूची प्राप्त कर टी.बी. व कुष्ठ के पोर्टल में इन्द्राज किया जायेगा। इस दौरान जांच की जरूरत वाले संदिग्ध मरीजों का निःशुल्क सैंपल भी लिया जाएगा।

अभियान के दौरान मितानिनें 1 दिसम्बर से 15 दिसम्बर 2022 तक अपने-अपने कार्यक्षेत्र में घर-घर भ्रमण कर टीबी एवं कुष्ठ रोग के लक्षण के आधार पर संभावित मरीजों की पहचान करेंगी। 16 दिसम्बर से 21 दिसम्बर की अवधि में मितानिनों द्वारा खोजे गए टीबी एवं कुष्ठ के शंकास्पद मरीजों का पुनः परीक्षण संबंधित क्षेत्र के एमपीडब्ल्यू (बहु-उद्देश्यीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता) एवं एएनएम द्वारा किया जाएगा। हर घर में जाकर सभी व्यक्तियों में लक्षणों का पता लगाया जाएगा। जिन क्षेत्रों में मितानिन कार्यरत नहीं हैं, वहां नजदीक के क्षेत्रों की मितानिनें या कुष्ठ मित्र, टीबी चैम्पियन, टीबी मितान या स्वयंसेवी व्यक्तियों की सेवाएं ली जाएंगी। मितानिनों द्वारा घर-घर भ्रमण के दौरान चिन्हांकित टीबी एवं कुष्ठ के संभावित रोगियों को निकटतम प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर जांच कराने की सलाह दी जाएगी।

ऐसे शहरी क्षेत्रों (मुख्यतः नॉन-स्लम में) जहां मितानिन की उपलब्धता नहीं है, वहां शहरी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स (UHWC) के पुरूष या महिला आरएचओ द्वारा टीबी एवं कुष्ठ के संदिग्ध मरीजों की पहचान की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने अभियान के दौरान टीबी चैम्पियन्स, टीबी मितानों, कुष्ठ मित्रों एवं स्वयंसेवी व्यक्तियों की सेवाएं सर्वे कार्य एवं अभियान के प्रचार-प्रसार में लेते हुए उन्हें नियमानुसार प्रोत्साहन राशि प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। विभाग ने 1 दिसम्बर से सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में आने वाले टीबी व कुष्ठ के संदेहास्पद मरीजों की सूची पृथक से संधारित करने को कहा है जिससे अभियान के दौरान मितानिनों द्वारा प्राप्त सूची से इसका मिलान किया जा सके।

सघन टीबी एवं कुष्ठ खोज अभियान के प्रभावी संचालन के लिए इसमें संलग्न राज्य, संभाग एवं जिला स्तर के अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी कलेक्टरों को अभियान के विकासखंड, जिला और राज्य स्तर पर व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए हैं जिससे इसमें ज्यादा से ज्यादा लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जा सके। विभाग ने राज्य व जिला स्तर पर टीवी चैनलों, आकाशवाणी, एफएम चैनलों एवं समाचार पत्रों के साथ ही समुदाय स्तर पर मास-स्क्रीनिंग, माइकिंग, दीवार लेखन, बैनर और पोस्टर के माध्यम से अभियान के बारे में लोगों को जागरूक करने कहा है।

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