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भारत G20 अध्यक्षता विश्व व्यवस्था को फिर से दुरुस्त करने में एक निर्णायक भूमिका निभाएगी

भारत में जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने कहा है कि भारत की G20 अध्यक्षता विश्व व्यवस्था को एक बार फिर दुरुस्त करने में निर्णायक भूमिका निभाएगी। पुणे में पत्रकारों से बात करते हुए एकरमैन ने यह भी कहा कि भारत अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक बेहद महत्वपूर्ण भूमिका रखता है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम देखेंगे कि आने वाले महीनों में जर्मनी के मंत्री और चांसलर भी भारत आएंगे। हमें लगता है कि भारत अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका रखता है। भारत की G20 अध्यक्षता विश्व व्यवस्था को फिर से दुरुस्त करने में एक निर्णायक भूमिका निभाएगी। हम उम्मीद भरी नजर से दिल्ली की ओर से देख रहे हैं और हम आशा करते हैं कि अगले 12 महीनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का सकारात्मक प्रभाव होगा।’’

जर्मन राजदूत एकरमैन ने पुणे में जर्मनी की कंपनियों के टॉप अधिकारियों समेत महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री उदय सामंत के साथ एक बैठक में भाग लिया। सांमत ने कहा कि आने वाले सालों में महाराष्ट्र में नई परियोजनाएं आएगी। जर्मन सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया है कि आने वाले दिनों में स्थापित होने वाली नई परियोजनाओं में सहयोग करेंगे।

विश्व मंचों पर भारत की प्रमुख

विश्व मंचों पर भारत की प्रमुख और प्रभावी होती भूमिका को अब विश्व के प्रमुख देश स्वीकारने लगे हैं। गत दिनों इंडोनेशिया के बाली में आयोजित G20 देशों की बैठक में भी यह साफतौर पर दिखा। पिछले दिनों उज्बेकिस्तान के समरकंद में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत में जब कहा कि यह युद्ध का युग नहीं है तो उस पर विश्व को आश्चर्य हुआ, क्योंकि भारत हथियारों और तेल की आपूर्ति के लिए बहुत हद तक रूस पर निर्भर है। रूस से खरीदा जाने वाला ईंधन अभी भले ही भारत की कुल आवश्यकताओं का बहुत छोटा हिस्सा है, लेकिन यह सच है कि इस समय देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों को तेजी से बढ़ने से रोकने में भारत को अगर सफलता मिल सकी है तो उसकी बड़ी वजह रूस से मिल रहा सस्ता कच्चा तेल है।

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