Close

4 तारीख को RBI की मॉनेटरी पॉलिसी समीक्षा, जानें कितनी कम होगी आपकी EMI

आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक शुरू हो गई है. अब सारी निगाहें आरबीआई की ओर से 4 दिसंबर को आने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा पर रहेगी. यह देखना दिलचस्प होगा कि आरबीआई ब्याज दरों में कटौती करता है या रेपो रेट को ऐसे ही छोड़ देता है. पिछली मौद्रिक समीक्षा के दौरान आरबीआई ने रेपो रेट में कोई कटौती नहीं की थी. रेपो रेट 4 फीसदी पर जबकि रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर है. जबकि सीपीआई आधारित खुदरा महंगाई दर साढ़े छह साल के ऊंचे स्तर 7.6 पर पहुंच चुकी है.

ब्याज दरों में कटौती का सीधा असर आपकी ईएमआई पर पड़ता है. लेकिन इस बार आरबीआई की ओर से ब्याज दरों में कटौती की संभावना बनती नहीं दिख रही है. इसलिए ईएमआई में कमी की संभावना भी नहीं दिख रही है. रिजर्व बैंक के लिए महंगाई सबसे बड़ी चिंता है. खुदरा महंगाई दर का बढ़ना आम लोगों के लिए मुश्किल बनता जा रहा है. लेकिन, यह काबू के बाहर नहीं है. हालांकि, दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ के आंकड़े उम्‍मीद से अच्‍छे हैं. आने वाली तिमाहियों में इसे लेकर अनिश्चितता है.

इस वक्त रियल एस्टेट सेक्टर की स्थिति काफी खराब है इसे और लिक्विडिटी की जरूरत है. लेकिन कर्ज लेने वाले नहीं हैं. उम्‍मीद है कि केंद्रीय बैंक फिर एक बार ब्‍याज दर में बदलाव नहीं करेगा. उम्मीद है कि आरबीआई पर्याप्‍त लिक्विडिटी सुनिश्चित करने की कोशिश करेगा. आरबीआई लिक्विडिटी की मौजूदा स्थिति और भारतीय बाजारों में विदेशी निवेश आने की रफ्तार को कैसे देखता है. अगर विदेशी निवेश आने की रफ्तार बनी रहती है तो आरबीआई लंबी अवधि में सरप्‍लस लिक्विडिटी का एक हिस्‍सा हटाने के लिए मजबूर होगा. बॉन्‍ड मार्केट के नजरिये से यह पॉलिसी ज्‍यादा मायने नहीं रखेगी.

scroll to top