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बिलासपुर एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग की तैयारी

बिलासपुर के बिलासा एयरपोर्ट में सुविधाओं के विस्तार व नाइट लैंडिंग का जायजा लेने के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की टीम सोमवार को बिलासपुर पहुंची। टीम के सदस्य यहां तीन दिन रहेंगे और एयरपोर्ट में निर्माणाधीन एप्रॉन सहित अन्य व्यवस्था देखेंगे। बिलासपुर में हवाई सुविधा के लिए लंबे जन संघर्ष के बाद 1 मार्च से उड़ानें शुरू की गई। इसमें 72 और 78 सीटर विमान दिन के समय उड़ान भर सकता है।

लेकिन, बिलासा एयरपोर्ट को 4 सी एयरपोर्ट के तौर पर विकसित करने का दावा अधूरा है। हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति की ओर से बिलासपुर और दिल्ली में धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों व सदस्यों ने बीते दिनों एयरपोर्ट अथॉरिटी व विमानन मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात भी की थी। इस दौरान एयरपोर्ट में सुविधाओं के विस्तार, नाइट लैंडिंग व फोर सी कैटेगरी एयरपोर्ट बनाने के लिए बिलासा एयरपोर्ट का सर्वे करने की बात कही गई थी।

सोमवार को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के तीन सदस्य सोमवार को बिलासपुर पहुंचे। अफसरों ने बताया कि टीम के सदस्य तीन दिन तक एयरपोर्ट का सर्वे करेंगे। जिसमें नाइट लैंडिंग के लिए सुविधाओं के विस्तार के साथ ही जरूरी उपकरणों की व्यवस्था को देखेंगे।

एयरपोर्ट को 4 सी कैटेगरी में उन्नत करने के लिए दावे किए गए थे। हाईकोर्ट में कहा गया था कि रनवे की लंबाई बढ़ाने 200 एकड़ की जमीन की जरूरत है, लेकिन अब तक जमीन नहीं मिली है और न ही सेना से वापस लेने के लिए प्रक्रिया शुरू की गई है। वर्तमान में सिर्फ दिल्ली महानगर तक एक उड़ान बिलासपुर को मिली है। वह भी प्रयागराज या जबलपुर रुककर जाती है। हवाई सेवा शुरू होते ही महानगरों के लिए सीधी उड़ान की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। यही वजह है कि एयरपोर्ट में रनवे की लंबाई बढ़ाने के लिए सेना को दी गई जमीन वापस लेने की मांग की जा रही है। इसके लिए जिला प्रशासन ने राज्य शासन को प्रस्ताव भी भेजा है।

सर्वे रिपोर्ट के बाद मिलेगी सुविधाएं

एयरपोर्ट अथॉरिटी के डायरेक्टर बीरेन सिंह ने बताया कि AAI की टीम तीन दिन तक सर्वे करेगी। इसके बाद रिपोर्ट तैयार की जाएगी। उनकी रिपोर्ट के बाद यहां सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। इस दौरान टीम के सदस्य थ्री सी कैटेगरी से फोर सी करने के लिए जरूरी सुविधाओं के साथ ही नाइट लैडिंग के लिए लगने वाले उपकरणों की समीक्षा करेंगे।

राशि मिलने के बाद भी नहीं हुआ काम

एयरपोर्ट में फ्लाइट कम्युनिकेशन के लिए उपकरण की कमी है। शुरूआती दिनों से ही आईएलएल (इंस्ट्रुमेंट लैडिंग सिस्टम) और आईएफआर (इंस्ट्रुमेंट फ्लाइट रूल) जैसे उपकरण नहीं है। नेविगेशन और लैंडिंग के लिए डीवीओआर यानी डोप्लर वेरी हाई फ्रिक्वेंसी ओम्नी रेंज और एचपीडीएमई यानी हाई पॉवर डिस्टेंस मेजरिंग इंस्ट्रूमेंट की जरूरत है। जिसके लिए केन्द्र सरकार ने पहले ही 53 करोड़ रूपए स्वीकृत कर चुकी है। लेकिन PWD और राज्य सरकार के द्वारा अब तक 4 सी एयरपोर्ट की मांग पूरी नहीं की गई है, जिसका खामियाजा यहां की जनता को भुगतना पड़ रहा है। बिलासा एयरपोर्ट का 3 सी से 4 सी कैटेगरी के तहत उन्नयन किया जाना है।

शाम को मिलेंगे जनसंघर्ष समिति के सदस्य

हवाई सेवा जनसंघर्ष समिति के पदाधिकारी व अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने बताया कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की तीन सदस्यीय टीम बिलासपुर पहुंची है। अभी टीम के सदस्य एयरपोर्ट का निरीक्षण करेंगे। इस दौरान जरूरी सुविधाओं व व्यवस्थाओं का जायजा लेंगे। सोमवार की शाम जनसंघर्ष समिति के सदस्य व पदाधिकारी  एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों से मुलाकात करेंगे।

 

 

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