ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने आज सुबह बताया कि पिछले 24 घंटों में 21 विमान द्वीप के दक्षिण-पश्चिम एयर डिफेंस जोन में प्रवेश कर गए, जिनमें 18 परमाणु-सक्षम H-6 बमवर्षक शामिल हैं। चीन ने पिछले हफ्ते ताइवान के खाने-पीने के पदार्थ, शराब और मत्स्य उत्पादों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिये थे। H-6 चीन का सबसे अहम लंबी दूरी का बमवर्षक है और परमाणु पेलोड ले जाने में सक्षम है। चीन के लिए एक दिन में पांच से अधिक H-6 बमवर्षक भेजना दुर्लभ है, लेकिन हाल के सप्ताहों में चीन ने कई बार ऐसी हरकतें की हैं।
चीन ऐसा देश है जिससे हर पड़ोसी परेशान
भारत ही नहीं बल्कि 14 देशों से चीन की सीमाएं लगती हैं। ये सभी देश ड्रैगन की विस्तारवादी नीति से परेशान है। इसका अलावा प्रशांत महासागर पर भी ये देश लगातार ऐसी हरकतें कर रहा है जिससे कई मुल्क परेशान है और वो लगातार इसका विरोध भी कर रहे हैं। ताइवान को लेकर चीन की जोरआजमाइश किसी से छिपी नहीं है। एक महीने पहले अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने ताइवान की यात्रा की थी, जिसके बाद चीन ने हमले तक का ऐलान कर दिया था।
साल के अंत तक चीन ताइवान पर हमला कर सकता है चीन’
ऐसी जानकारी सामने आ रही है कि साल के अंत तक चीन ताइवान पर हमला कर सकता है। ताइवान के विदेश मंत्री ने आशंका जाहिर की है। उन्होंने बताया है कि हमले के लिए चीन जमीन तलाश रहा है। ताइवान के विदेश मंत्री जोसफ वू ने आशंका जाहिर की है कि किसी भी वक्त चीन ताइवान पर हमला कर सकता है। उनका कहना है कि ताइवान पर हमले के लिए ये देश बहाना ढूंढ रहा है। ताइवान पर साइबर अटैक की भी तैयारी चीन कर रहा है। 2020 से ताइवान में चीनी विमानों की घुसपैठ 5 गुना बढ़ी है।
चीन दोनों देशों के बीच संबंध सुधारना नहीं चाहता
जिस तरह तवांग में चीनी सेना लगातार उकसावे वाली हरकतें कर रही है उससे ये समझ आ रहा है कि चीन दोनों देशों के बीच संबंध सुधारना नहीं चाहता। हालांकि चीन की ये चाल कोई नई बात नहीं है। चीन की सीमाएं 22 हजार किमी. है जोकि 14 देशों से लगती हैं। भारत-चीन की सीमा 3480 किमी है। अरुणाचल की 1126 किमी. सीमा चीन के साथ लगती है।
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