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दिल्ली में जल बोर्ड और बिजली विभाग के कर्मचारियों को भी मिला फ्रंटलाइन वर्कर का दर्जा, फर्स्ट फेज़ में वैक्सीन देने की तैयारी

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में कोरोना के आंकड़े रोज़ाना बेहतर हो रहे हैं. कोरोना के वैक्सीनेशन को लेकर भी तैयारियां जोरों पर हैं. इस बीच दिल्ली सरकार ने फर्स्ट फेज़ में वैक्सीन दिये जाने वाले फ्रंटलाइन वर्कर्स की श्रेणी में अब जल बोर्ड और बिजली विभाग के कर्मचारियों को भी शामिल करने का आदेश जारी किया है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि कल दिल्ली सरकार ने आदेश दिए हैं कि जल बोर्ड के कर्मचारी जो पानी और सीवरेज के हैं और जो इलेक्ट्रिसिटी के कर्मचारी हैं उनको भी फ्रंटलाइन वर्कर की लिस्ट में रखा जाये और फर्स्ट फेज़ की वैक्सीनेशन में वैक्सीन दी जाये.

इन लोगों को फ्रंटलाइन वर्कर्स का दर्जा देने की वजह बताते हुए सत्येंद्र जैन ने कहा कि जब लॉकडाउन किया गया था तब सारे बिजली कर्मचारी ड्यूटी पर थे और सारे ही जल बोर्ड के कर्मचारी भी ड्यूटी पर थे इसलिये उनको फ्रंटलाइन में रखा गया है. पुलिस और सिविल डिफेंस को पहले से ही रखा गया है उसी तरह से इनको भी फ्रंटलाइन वर्कर्स की श्रेणी में रखा जायेगा.

दिल्ली में कोरोना के ताज़ा आंकड़ो पर सत्येंद्र जैन ने कहा कि कल 1617 नये केस आये हैं ये बड़े संतोष की बात है कि दिल्ली से कोरोना का प्रकोप कम होता जा रहा है. कल पहली बार 2% से कम 1.9% पॉजिटिविटी रही है, मई के बाद कभी इतनी कम कभी नहीं गई है और ये शायद अब तक की सबसे कम पॉजिटिविटी रही है. मैं फिर भी लोगों से निवेदन करना चाहूंगा कि मास्क ज़रूर लगायें. मास्क का अभियान जो दिल्ली सरकार ने चलाया उसका भी असर लगता है.

लगातार घटते पॉजिटिविटी रेट और टेस्ट की संख्या बढ़ाने को लेकर सवास्थ्य मंत्री ने कहा कि अब पॉजिटिविटी काफी कम हो गई है. WHO का कहना है कि पॉजिटिविटी 8% से कम होनी चाहिये, टेस्ट की संख्या इतने तक लेकर जाओ और ऑप्टिमम 5% है. अगर टेस्ट इतने हो रहे हैं कि 5% पॉजिटिविटी आ रही है, हमारी 2% पॉजिटिविटी है तो अभी इंतज़ार करते है कि ये कब तक रहता है. पिछले 5 दिन से पॉजिटिविटी 3% से कम है, पिछले 15 दिन से पॉजिटिविटी 5% से कम है तो इसका मतलब निश्चित तौर पर डाउन ट्रेंड है.

हालांकि कोरोना की तीसरी वेव के खत्म होने पर सत्येंद्र जैन ने कहा कि ये नहीं कह सकते कि तीसरी वेव खत्म हो गई है क्योंकि केस तो अभी भी आ रहे हैं, 2% ही सही. कोरोना तो अब बाकी बहुत सारी बीमारियों की तरह चलेगा लेकिन ये कह सकते हैं कि उसका जो बहुत बड़ा प्रकोप था वो थोड़ा कम लगता है.

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