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विधानसभा शीतकालीन सत्र के आज तीसरे दिन धान खरीदी के मुद्दे पर विपक्ष ने किया जमकर हंगामा

सदन में मंत्री अमरजीत भगत को अपनी टिप्पणी पर करना पड़ा खेद व्यक्त

रायपुर. विधानसभा शीतकालीन सत्र के आज तीसरे दिन धान खरीदी के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन ने कहा कि मंत्री अमरजीत भगत विद्वान मंत्री हैं जवाब कहीं का कहीं जा रहा है। जिसपर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि डॉ रमन सिंह 15 साल तक मुख्यमंत्री रहे हैं। मंत्री जी आप उनके केबिन में जाकर उन्हें समझा दीजिए उनकी चिंता को शांत कीजिए। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि सवालों के जवाब नही आ रहे हैं। प्रश्न – धान उठाव और परिवहन में राष्ट्रीय नुकसान हुआ है।

क्या इस मामले में सदन की समिति से जांच कराएंगे? जवाब में मंत्री अमरजीत भगत ने कहा डॉ साहब आपके खाने के दांत और दिखाने के और हैं। हमारा नियंत्रण नहीं इसलिए जानकारी दे पाना असंभव। मंत्री अमरजीत की जवाब पर भाजपा विधायकों ने इसे आरोप करार दिया और  इस बात पर जमकर हंगामा किया साथ ही विपक्ष मंत्री से माफी मांगने पर अड़ा रहा। विधान सभा अध्यक्ष ने मंत्री की टिप्पणी को विलोपित किया। विपक्ष ने हंगामा करते हुए अमर्यादित भाषा का आरोप लगाया। हंगामा के बाद डॉ. रमन सिंह, अजय चंद्राकर, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक समेत अन्य विधायक निलंबित हो गए। कुछ देर के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने निलंबन समाप्त किया। सदन की कार्यवाही पुनः शुरू होते ही हंगामा जारी रहा।

मंत्री ने  अपनी टिप्पणी पर किया खेद व्यक्त

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मैंने टिप्पणी को विलोपित कर दिया है। अब मंत्री जी के विवेक पर है कि उन्हें अपनी टिप्पणी पर क्या कहना है। मंत्री अमरजीत भगत ने अपनी टिप्पणी पर खेद व्यक्त किया। 5 मिनट के बाद निलंबन समाप्त किया। निलंबन समाप्ति के बाद विपक्ष ने मंत्री अमरजीत भगत के सवालों के जवाब में भाग नहीं लेने की बात कही। विपक्ष ने कहा कि आज मंत्री अमरजीत किसी सवाल-जवाब में भाग नहीं लेंगे।

पूर्व सीएम ने धान उपार्जन केंद्रों से उठाव और नीति पर उठाये सवाल

सदन में पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह ने धान उपार्जन केंद्रों से उठाव और नीति का मुद्दा उठाया। डॉ रमन सिंह ने सदन में परिवहन नीति पर भी सवाल पूछा। पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने पूछा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में कुल कितने धान उपार्जन केंद्र हैं ? खरीफ सीजन वर्ष 2020-21 में खरीदे गए धान का माहवार उठाव का विवरण? साथ ही किन-किन महीनों में कितना कितना धान, राईस मिलरों को दिया गया और कितना कितना धान संग्रहण केंद्र में परिवहनकर्ताओं को भंडारण हेतु दिया गया, जिलेवार विवरण देवें ? कितने धान की बिक्री नीलामी के माध्यम से की गई तथा बिक्री किए गए धान का उठाव कितना हो गया तथा कितना शेष है ? जिलेवार विवरण दें?
पिछले प्रश्न के अंतर्गत यदि किसी महीने में धान का उठाव नहीं किया गया तो उक्त महीने में क्या राईस मिलरों ने धान के उठाव हेतु रूचि नहीं दिखाई या संग्रहण केंद्रों में धान भंडारण की क्षमता से ज्यादा हो गया था? खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने जवाब देते हुए कहा कि राज्य में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में कुल 2311 धान उपार्जन केन्द्र संचालित थे। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में उपार्जित किये गये धान में से कस्टम मिलरों को उपार्जन केन्द्रों से 59.12 लाख में, टन धान तथा संग्रहण केन्द्रों से 20.18 लाख मीट्रिक टन धान कुल 79.30 लाख मीट्रिक टन धान प्रदाय किया गया है.
परिवहनकर्ताओं को संग्रहण केन्द्रों में धान भण्डारण हेतु 22.38 लाख मीट्रिक टन धान प्रदाय किया गया है। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में नीलामी के माध्यम से 8.97 लाख मीट्रिक  टन धान का विक्रय किया गया। जिसमें से 8.96 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव किया जा चुका है तथा 564 मीट्रिक टन धान उठाव हेतु शेष है। जिसके उठाव की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में कस्टम मिलरों द्वारा धान उपार्जन के प्रारंभ से ही लगातार धान का उठाव किया गया है एवं संग्रहण केन्द्रों की भण्डारण क्षमता अनुसार ही धान का भण्डारण किया गया था।
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