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सिंगापुर की अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर आया ये फैसला

रिलायंस फ्यूचर डील में दिल्ली हाई कोर्ट ने फ्यूचर ग्रुप को राहत देने से इनकार कर दिया है. दिल्ली हाई कोर्ट ने फ्यूचर की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि वह अमेजन को रिलायंस के साथ हुए उसके सौदे में दखल देने से रोके. याचिका में कहा गया था कि रिलायंस का फ्यूचर के एसेट को खरीदना कानूनी है. कोर्ट ने फ्यूचर रिटेल की उस दलील को भी खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय अदालत को इस मामले में फैसला करने का कोई अधिकार नहीं है

दिल्ली हाई कोर्ट ने कंपीटिशन कमीशन ऑफ इंडिया, सेबी को भारतीय कानून के हिसाब से रिलायंस और फ्यूचर का मामला सुलझाने को कहा. सिंगापुर के आर्बिट्रेशन अदालत ने इसका निर्देश दिया था. अदालत ने कहा कि सिंगापुर की अदालत के फैसला करने के अधिकार को चुनौती देने वाली याचिका पर फ्यूचर को कोई राहत नहीं मिल सकती. हालांकि संवैधानिक अथॉरिटी और नियामकों को यह निर्देश दिया जाता है कि वे कानून के मुताबिक फ्यूचर के आवेदन पर विचार करें.

इस साल अगस्त में फ्यूचर ग्रुप ने रिलायंस ने रिलायंस रिटेल से डील के बाद अपने रिटेल, होलसेल, लॉजिस्टिक और वेयरहाउस यूनिट को उसे बेचने का ऐलान किया था. इसके पहले पिछले साल अमेजन ने फ्यूचर रिटेल की कंपनी फ्यूचर कूपन्स में 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली है. अमेजन ने कहा कि फ्यूचर ने रिलायंस के साथ जो सौदा किया है, वह इसके साथ किए गए सौदे में ‘फर्स्ट रिफ्यूजल’ क्लॉज का उल्लंघन है. अमेजन ने इसे सिंगापुर की इंटरनेशनल अदालत में चुनौती दी थी. लेकिन फ्यूचर ने इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि इंटरनेशनल अदालत को इसमें फैसला करने का कोई अधिकार नहीं है.

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