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लोहड़ी का पर्व आज मनाया जाएगा, जानें क्यों की जाती है अग्नि की परिक्रमा

Lohri Festival: लोहड़ी के पर्व को खुशियों को पर्व कहा जाता है. सिख धर्म में लोहड़ी के पर्व की विशेष मान्यता है. लोहड़ी के पर्व का वर्ष भर इंतजार किया जाता है. लोहड़ी को मनाने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. लोहड़ी का पर्व, एक ऐसा पर्व है जो भारत ही नहीं दुनिया के 20 से अधिक देशों में मनाया जाता है.

लोहड़ी का पर्व भारत की परंपराओं और सभ्यताओं का मिलाजुला रूप है. जिसमें धरती माता का सम्मान और प्रकृति की उदारता को नमन किया जाता है. भारत एक कृषि प्रधान देश है. लोहड़ी के पर्व का सीधा संबंध हमारे खेतों से हैं. खेतों में किसान कड़ी मेहनत से अन्न पैदा करते हैं. लोहड़ी के पर्व पर किसान खुशी मनाते हैं, गीत गाते हैं और अग्नि जलाकर उसके चक्कर लगाते हैं.

लोहड़ी के पर्व नई फसल की पूजा की जाती है. इस दिन लोहड़ी जलाने की भी परंरपरा है. अग्नि जलाकर इसके चारों ओर चक्कर लगाते हैं, सभी लोग पारंपरिक गीत गाते हैं और एक दूसरे को बधाई देते हैं. इस दिन तिल, गुड़, गजक, रेवड़ी और मूंगफली से बने पकवान खाए जाते हैं. उस घर में लोहड़ी के पर्व को विशेष ढंग से मनाया जाता है जिस घर में बच्चे का जन्म होता है.

लोहड़ी का पर्व सभी जगह धूमधाम से मनाया जाता है. लेकिन लोहड़ी के पर्व को लेकर दिल्ली एनसीआर के साथ पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और जम्मू कश्मीर में विशेष तैयारियां की गई हैं. लोहड़ी के पर्व को लेकर लोगों में भी उत्साह देखा जा रहा है. लोहड़ी पर भंगड़ा आदि का भी आयोजन किया जाता है.  लोहड़ी पर अग्नि देव को प्रसन्न किया जाता है. इसलिए अग्नि जलाई जाती है, अग्नि की परिक्रमा की जाती है. मान्यता है कि ऐसा करने से दुखों का अंत होता है और देवताओं का आर्शीवाद प्राप्त होगा. अग्नि देव के प्रति आभार व्यक्त किया जाता है. इस अग्नि में खेतों से उत्पन्न अन्न को समर्पित करते हैं. इस दिन गुड,तिल और मूंगफली से बनी चीजों का सेवन करना अच्छा माना गया है.

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