सरकार ने अब इलेक्ट्ऱॉनिक्स, आईटी प्रोडक्ट, स्मार्टफोन, फूड प्रोसेसिंग के बाद एसी, एलईडी और सोलर सेल्स के लिए पीएलआई स्कीम की योजना बनाई है. पीएलआई स्कीम के तहत अब सोलर पीवी मॉड्यूल, एलईडी और एयरकंडीशनर की मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा दिया जाएगा. इस प्रस्ताव को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में बुधवार को मंजूरी दी गई. बुधवार को व्हाइट गुड्स में पीएलआई स्कीम को बढ़ावा देने के लिए 6238 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी गई. इसके तहत एलईडी लाइट, सोलर सेल्स और एयर कंडीशनर की मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा.
व्हाइट गुड्स में पीएलआई स्कीम को बढ़ावा देने से इसमें 7920 करोड़ रुपये का निवेश आएगा. इससे 49,300 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष निवेश हो सकता है और कम से कम चार लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होगा. सोलर मॉड्यूल के लिए पीएलआई स्कीम में इन्सेंटिव मिलने से इंटिग्रेटेड सोलर फोटो वोल्टिक मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट की क्षमता में 10 हजार मेगावाट की बढ़ोतरी होगी. वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि एलईडी के लिए योजना की मंजूरी से घरेलू मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा. कैबिनेट के इस फैसले के साथ ही 13 में से नौ पीएलआई स्कीमों को मंजूरी दी जा चुकी है.
गोयल ने कहा कि कोविड प्रतिबंधों का इस स्कीम पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा क्योंकि सरकार ने मैन्यूफैक्चरिंग जोन पर कोविड कंटेनमेंट जोन के नियमों को लागू नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि पूरे देश में लॉकडाउन नहीं लगेगा इसलिए पीएलआई स्कीम के तहत मैन्यूफैक्चरिंग स्कीमों को कोई खा नुकसान नहीं पहुंचेगा. सरकार इसके लिए फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के लिए पीएलआई स्कीम का ऐलान कर चुकी है.
कैबिनेट ने फूड प्रोसेसिंग में 10,900 करोड़ रुपये की पीएलआई स्कीम को मंजूरी दे दी है. सरकार का कहना है कि वह देश को ग्लोबल फूड मैन्यूफैक्चरिंग चैंपियन बनाना चाहती है. उसका इरादा ग्लोबल मार्केट में इंडियन फूड ब्रांड्स का विस्तार करना है. इस स्कीम के तहत रेडी टु इट फूड, प्रोसेस्ड फ्रूट्स, सब्जियां, मरीन प्रोडक्ट, मोजेरेला समेत 33,494 करोड़ रुपये के प्रोसेस्ड फूड उत्पादन का लक्ष्य रखा है. इससे 2026-27 तक ढाई लाख लोगों को नौकरियां मिलेंगीं.